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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किया गया जिला कारागार में त्रैमासिक/साप्ताहिक निरीक्षण तथा विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन

वाराणसी ब्यूरो :- उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ तथा जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण डा0 अजय कृष्ण विश्वेश के आदेशानुसार मंगलवार को जिला कारागार में निरूद्ध विचाराधीन महिला बन्दियों व उनके साथ रह रहे 06 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की देखभाल, खान-पान, रहन सहन व पुरूष बन्दियों एवं उनकी स्थिति तथा लीगल एड क्लीनिक तथा कैदियों के हितो से सम्बन्धित मामलों के संबंध में पूर्णकालिक सचिव, जिला विधिकसेवा प्राधिकरण श्रीमती कुमुद लता त्रिपाठी द्वारा त्रैमासिक/साप्ताहिक निरीक्षण तथा विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अधीक्षक, जिला कारागार ए0के0सक्सेना, जेलर जयशंकर प्रसाद तथा निरूद्ध विचाराधीन महिला व पुरुष बन्दी उपस्थित रहे।

जिला कारागार में निरूद्ध कुछ पुरूष बन्दी राहुल सेठ, प्रदीप, अंकित उर्फ कोमल, सोनू गुप्ता, रोहित यादव व विशाल से बात कर सभी उनकी समस्याओं को सुना गया। बन्दियो को उन्हे निःशुल्क विधिक सहायता के अधिकार से अवगत कराते हुये जेल अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि जिन बन्दियों के पास अधिवक्ता नही है उन्हें निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान करने हेतु प्रार्थना पत्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण वाराणसी को अविलन्य प्रेषित कराना सुनिश्चित करे। पुरुष चन्दी अंकित उर्फ कोमल द्वारा बताया गया कि उसकी जमानत हो चुकी है, परन्तु जमानतदार न मिल पाने के कारण अभी तक जेल में निरूद्ध है।

अधीक्षक को सम्बन्धित न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया। वर्तमान में जिला कारागार, वाराणसी में कुल 2567 बन्दी निरूद्ध है, जिसमे 2449 पुरुष व 118 महिला बन्दी (महिला बन्दी के साथ 15 बच्चे) है। दौरान निरीक्षण निरूद्ध विचाराधीन बन्दी/सिद्धदोष महिला बन्दियो से बातचीत की गयी तो उनके द्वारा बताया गया कि उन्हें निर्धारित गानक के अनुसार भोजन दिया जाता है तथा बच्चों का टीकाकरण कराया जाता है।

गर्भवती महिला बन्दियों द्वारा बताया गया कि स्त्री रोग विशेषज्ञ को दिखाने के उपरान्त उनका टीकाकरण व अन्य सुविधाये उन्हें उपलब्ध हो जाती है। महिला बन्दी द्वारा बताया गया कि उनके बच्चो को दुध, अण्डा, फल वगैरह भी मिलता है। महिला बन्दी कुसुम यादव द्वारा बताया गया कि उनका बच्चा 05 वर्ष का हो चुका है अब वह अपने बच्चे को जेल में न रखकर अपने माता-पिता के पास भेजना चाहती है। जेल अधीक्षक को कुसुम यादव बच्चे को जेल से बाहर उनके माता-पिता के पास भेजने के संबंध में नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया।उपस्थित बन्दियों को निःशुल्क विधिक सहायता तथा विभिन्न सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विशेष रूप से चिन्हित योजनाओं, नालसा की सात स्कीमों द्वारा चलायी जा रही कल्याणकारी योजनाओं, प्लीबारगेनिंग एवं ए0 डीआर0 के महत्व के संबंध में जानकारी दी गयी। उ0 प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के दिशा निर्देश के अनुक्रम में बन्दियों को संविधान के मूल कर्तव्यों एवं अधिकार के बारे में बताया गया।

जेल अधीक्षक द्वारा बताया गया कि एक बन्दी सुनील जायसवाल पुत्र राजनारायण ईलाज हेतु श्री शिवप्रसाद गुप्त राजकीय चिकित्सालय, कबीर चौरा में भर्ती है।जेल अधीक्षक द्वारा बताया गया कि ऋतु सिंह विकास डिलवरी का समय नजदीक होने के कारण राजकीयमहिला चिकित्साल कबीरचौरा में भर्ती है। कोरोना के पुनः विस्तार की स्थिति को देखते हुये विधिक सचिव द्वारा बन्दियों को सैनिटाइजेशन, मास्क लगाए जाने, साफ सफाई की व्यवस्था पर्याप्त रूप से बनाए रखने एवं काढा दिये जाने हेतु लगातार जेल प्राधिकारियों को कड़ाई से आदेशित किया गया। जेल प्राधिकारी द्वारा बताया गया कि कारागार में कोरोना टेस्ट कराने के बाद ही जेल में दाखिल किया जाता है।

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