नई दिल्ली. केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने रविवार को संसद में बहस के गिरते स्तर को लेकर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एन वी रमना की चिंता पर सहमति जाहिर की. इसके साथ ही उन्होंने संसद में हुए हंगामे की ओर इशारा करते हुए कहा कि इससे लोकतंत्र की गरिमा को ठेस पहुंचती है. दरअसल सीजेआई ने संसद में होने वाली बहस पर अपनी चिंता जताई और कहा कि अब संसद में पहले जैसी बहस नहीं होती क्योंकि संसद में बुद्धिजीवियों की कमी है. इसके जवाब में किरण रिजिजू ने सहमति जताते हुए कहा की सीनियर और तजुर्बेकार सांसद अब जूनियर सांसदों को संसद ठप कराने को कहते हैं.
सीजेआई एन वी रमना ने आज अपने एक भाषण में कहा कि अब जो नए कानून बन रहे हैं, उनमें स्पष्टता की कमी है और सांसद कानून की जटिलता को लेकर संसद में पहले जैसे बहस नहीं करते. वे 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ध्वजारोहण के बाद सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के कार्यक्रम में बोल रहे थे.
सीजेआई ने कहा, ‘आजकल सदन की ओर से पास क़ानूनों में स्पष्टता का अभाव रहता है. इसकी वजह से मुकदमेबाजी का बोझ बढ़ रहा है. कोर्ट के साथ साथ आम जनता और सरकार दोनों को ही दिक्कत होती है.’
CJI रमन्ना ने संसदीय बहसों पर जताई नाखुशी, कहा- पता ही नहीं चलता कानून बनाने का मकसद
जस्टिस रमना ने कहा कि पहले सदन में सांसदों के तौर पर वकीलों की काफी मौजदूगी होती थी और क़ानून को लेकर विस्तार से चर्चा होती थी. ऐसे में कोर्ट को भी क़ानून की मंशा समझने में आसानी रहती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा, ‘अब जो क़ानून बन रहे हैं उनमें बहुत-सी खामियां रहती हैं. पता नहीं चलता कि आखिर क़ानून किस मकसद से बनाया गया है, जिसके चलते मुकदमेबाजी बढ़ रही है.’ जस्टिस रमना के मुताबिक ऐसा तब होता है जब संसद में बुद्धिजीवी और वकील कम होते है.
सुप्रीम कोर्ट: ‘जैसे एक शेर खो रहा हूं’, जस्टिस फली नरीमन को चीफ जस्टिस एनवी रमण ने कुछ यूं दी विदाई
इसके जवाब में कानून मंत्री किरण रिजिजू ने ट्वीट कर जस्टिस रमना की चिंता पर सहमति जताई. रिजिजू ने अपने ट्वीट में लिखा कि जब मैं नया-नया सांसद बना था, तो सीखने को खूब मिला, लेकिन अब जूनियर सांसदों को संसद में ठप कराने को कहते हैं. वे लिखते हैं, ‘सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि विपक्ष के सांसद इस बात पर गर्व महसूस करते हैं कि उन्होंने संसद को चलने नहीं दिया. वे गंदे तरीके से पेश आते हैं, बल का प्रयोग करते हैं और गैर-संसदीय भाषा का इस्तेमाल करते हैं. इससे लोकतंत्र के मंदिर की गरिमा धूमिल होती है.’
रिजिजू आगे लिखते हैं कि ये इन लोगों की मानसिकता को दर्शाता है. वो समझते हैं कि उनको सत्ता विरासत में मिली है, लेकिन भारत के लोग समझदार हैं. वो सेवा का मौका उन्हीं को देंगे, जो सेवा भाव से काम करते हैं. जाहिर है रिजिजू हाल में संसद में हुए हंगामे की ओर इशारा कर रहे हैं.
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.