देहरादून (उत्तराखंड):- उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में उस समय हड़कंप मच गया जब एक हेलीकॉप्टर को सड़क पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। यह घटना सेरसी-बडासू मार्ग के पास हुई जहां क्रिस्टल एविएशन कंपनी का एक हेलीकॉप्टर तकनीकी खराबी के कारण अचानक नीचे उतर आया। हेलीकॉप्टर में कुल पांच यात्री सवार थे जो बाल-बाल बच गए। हालांकि लैंडिंग के दौरान हेलीकॉप्टर एक कार से टकरा गया जिससे थोड़ी देर के लिए अफरातफरी का माहौल बन गया।
हेलीकॉप्टर गुप्तकाशी से केदारनाथ की ओर जा रहा था जब उड़ान के कुछ ही मिनट बाद उसमें तकनीकी समस्या उत्पन्न हो गई। पायलट ने सूझबूझ का परिचय देते हुए हेलीकॉप्टर को नजदीकी सड़क पर उतारने का निर्णय लिया। जिस स्थान पर लैंडिंग की गई वह एक संकरी पहाड़ी सड़क है जो तीर्थयात्रियों के लिए मुख्य मार्ग मानी जाती है। लैंडिंग के दौरान एक कार हेलीकॉप्टर की चपेट में आ गई जिससे उसमें हल्का नुकसान हुआ लेकिन किसी को गंभीर चोट नहीं आई।
एडीजी कानून व्यवस्था डॉ. वी मुरुगेशन ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि तकनीकी खराबी के कारण यह आपात स्थिति उत्पन्न हुई। उन्होंने यह भी कहा कि सभी यात्री सुरक्षित हैं और उन्हें वैकल्पिक हेलीकॉप्टर से गंतव्य तक पहुंचा दिया गया है। मौके पर तुरंत पुलिस और प्रशासन की टीम पहुंची और क्षेत्र की घेराबंदी कर दी गई ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न फैले।
इस पूरे घटनाक्रम ने उत्तराखंड के हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा पर सवाल जरूर खड़े किए हैं। खासकर तीर्थयात्रा के सीजन में जब केदारनाथ जाने वालों की संख्या लाखों में होती है और हेलीकॉप्टर सेवाएं बेहद अहम भूमिका निभाती हैं। प्रशासन अब इस बात की जांच कर रहा है कि हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी कैसे आई और क्या नियमित मेंटेनेंस सही तरीके से किया गया था।
क्रिस्टल एविएशन की ओर से भी बयान जारी कर कहा गया है कि पायलट ने समय रहते खतरे को भांप लिया और यात्रियों की जान बचाने के लिए सही निर्णय लिया। कंपनी ने इस घटना की जांच के लिए आंतरिक टीम गठित की है जो पूरे मामले की तकनीकी समीक्षा करेगी।
स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों ने भी पायलट की सूझबूझ की तारीफ की है। एक चश्मदीद ने बताया कि अगर हेलीकॉप्टर थोड़ी देर और हवा में रहता तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। सड़क पर लैंडिंग के बावजूद पायलट ने इतनी सावधानी से हेलीकॉप्टर उतारा कि किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ।
यह घटना भले ही डरावनी रही हो लेकिन एक बड़ी त्रासदी होते-होते टल गई। अब प्रशासन और एयरलाइंस कंपनियों के सामने यह बड़ी जिम्मेदारी है कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों और हर उड़ान से पहले सुरक्षा मानकों की पूरी तरह जांच हो ताकि यात्रियों का विश्वास बना रहे।