नई दिल्ली :- गाजियाबाद पुलिस ने एक गंभीर मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है जिसने दिल्ली की मुख्यमंत्री को जान से मारने की धमकी दी थी। आरोपी की पहचान श्लोक त्रिपाठी के रूप में हुई है जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश का निवासी है। उसने नशे की हालत में डायल 112 पर कॉल करके कहा था कि वह दिल्ली की मुख्यमंत्री की हत्या कर देगा। इस धमकी के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया और सुरक्षा एजेंसियों ने इसे बेहद गंभीरता से लिया।
डायल 112 पर कॉल आने के तुरंत बाद पुलिस ने नंबर को ट्रेस किया और लोकेशन के आधार पर श्लोक त्रिपाठी को गाजियाबाद से गिरफ्तार कर लिया गया। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि आरोपी नशे में था और उसने यह कॉल एक गुस्से और नशे की हालत में की थी। हालांकि पुलिस इसे केवल नशे में की गई हरकत मानकर छोड़ने को तैयार नहीं है। मामला एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को जान से मारने की धमकी का है इसलिए इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला माना जा रहा है।
गिरफ्तारी के बाद गाजियाबाद पुलिस ने आरोपी को दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया है ताकि आगे की जांच और कानूनी प्रक्रिया पूरी की जा सके। पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहता था और कई बार राजनीतिक मुद्दों पर भड़काऊ टिप्पणियां करता था। हालांकि अब तक ऐसा कोई ठोस राजनीतिक या आतंकी कनेक्शन नहीं मिला है लेकिन जांच एजेंसियां हर पहलू को ध्यान में रखते हुए जांच कर रही हैं।
पूछताछ में श्लोक त्रिपाठी ने स्वीकार किया है कि उसने गुस्से और नशे की हालत में यह कॉल की थी और उसका इरादा किसी प्रकार की हिंसा करने का नहीं था। उसने यह भी बताया कि वह पिछले कुछ महीनों से मानसिक तनाव में था और पारिवारिक समस्याओं से गुजर रहा था। पुलिस अब उसकी मानसिक स्थिति की जांच के लिए मनोवैज्ञानिक परीक्षण कराने पर विचार कर रही है।
इस घटना ने न केवल सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं बल्कि यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी तरह की धमकी को हल्के में नहीं लिया जा सकता। दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत कर दिया है और इस बात पर नजर रखी जा रही है कि कहीं यह कोई सुनियोजित साजिश तो नहीं थी।
पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि किसी भी प्रकार की धमकी या आपत्तिजनक टिप्पणी को मज़ाक में न लें। यह कानून के तहत दंडनीय अपराध है और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी। श्लोक त्रिपाठी के खिलाफ अब भारतीय दंड संहिता की गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है और यदि दोष सिद्ध होता है तो उसे लंबी सजा का सामना करना पड़ सकता है।
यह घटना एक चेतावनी है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग न किया जाए और जिम्मेदारी के साथ कोई भी बात सार्वजनिक रूप से कही जाए।