नई दिल्ली:- भारतीय अर्थव्यवस्था में निजी क्षेत्र की भूमिका को लेकर एक सर्वेक्षण में सकारात्मक संकेत मिले हैं। इस सर्वेक्षण में पाया गया है कि निजी क्षेत्र का भरोसा बरकरार है हालांकि इसमें थोड़ी गिरावट आई है।
सर्वेक्षण के नतीजे
इस सर्वेक्षण में शामिल निजी क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने बताया कि वे अर्थव्यवस्था के बारे में सकारात्मक हैं लेकिन उन्हें कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। सर्वेक्षण में शामिल 60% प्रतिनिधियों ने बताया कि वे अर्थव्यवस्था के बारे में सकारात्मक हैं जबकि 40% ने बताया कि वे चिंतित हैं।
चुनौतियों का सामना
सर्वेक्षण में शामिल प्रतिनिधियों ने बताया कि उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है जिनमें से कुछ प्रमुख चुनौतियाँ हैं:
-आर्थिक अस्थिरता: सर्वेक्षण में शामिल 50% प्रतिनिधियों ने बताया कि आर्थिक अस्थिरता उनके लिए एक बड़ी चुनौती है।
–नीतिगत अनिश्चितता: सर्वेक्षण में शामिल 40% प्रतिनिधियों ने बताया कि नीतिगत अनिश्चितता उनके लिए एक बड़ी चुनौती है।
–बाजार की प्रतिस्पर्धा: सर्वेक्षण में शामिल 30% प्रतिनिधियों ने बताया कि बाजार की प्रतिस्पर्धा उनके लिए एक बड़ी चुनौती है।
सरकार की भूमिका
सर्वेक्षण में शामिल प्रतिनिधियों ने बताया कि सरकार को निजी क्षेत्र के विकास के लिए और अधिक काम करना चाहिए। उन्होंने बताया कि सरकार को नीतिगत अनिश्चितता को दूर करना चाहिए और निजी क्षेत्र के लिए अधिक अनुकूल वातावरण बनाना चाहिए।
इस सर्वेक्षण से यह स्पष्ट होता है कि निजी क्षेत्र का भरोसा बरकरार है लेकिन इसमें थोड़ी गिरावट आई है। सर्वेक्षण में शामिल प्रतिनिधियों ने बताया कि उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है जिनमें से कुछ प्रमुख चुनौतियाँ आर्थिक अस्थिरता नीतिगत अनिश्चितता और बाजार की प्रतिस्पर्धा हैं। सरकार को निजी क्षेत्र के विकास के लिए और अधिक काम करना चाहिए और नीतिगत अनिश्चितता को दूर करना चाहिए।