पाकिस्तान(इस्लामाबाद):-पाकिस्तान में सैन्य अदालतों द्वारा इमरान खान के समर्थकों को दोषी ठहराने पर अमेरिका ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इस कदम की निंदा की है और पाकिस्तान सरकार से अपील की है कि वह नागरिकों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए कदम उठाए। इस मामले में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है जिसमें उन्होंने कहा है कि सैन्य अदालतों द्वारा नागरिकों को दोषी ठहराना संविधान के विरुद्ध है। इस फैसले के बाद अमेरिका ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने पाकिस्तान सरकार से अपील की है कि वह इस मामले में न्याय सुनिश्चित करे और नागरिकों के मानवाधिकारों की रक्षा करे।
पाकिस्तान में इमरान खान के समर्थकों ने हाल ही में विरोध प्रदर्शन किया था जिसमें कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें से कुछ लोगों को सैन्य अदालतों में पेश किया गया थाजहां उन्हें दोषी ठहराया गया था। इस कदम की निंदा करते हुए अमेरिका ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने कहा है कि यह पाकिस्तान के संविधान और मानवाधिकारों के विरुद्ध है। इस मामले में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट का फैसला एक महत्वपूर्ण मोड़ है। इस फैसले में कहा गया है कि सैन्य अदालतों द्वारा नागरिकों को दोषी ठहराना संविधान के विरुद्ध है और यह पाकिस्तान के मानवाधिकारों के विरुद्ध भी है इस फैसले के बाद पाकिस्तान सरकार पर दबाव बढ़ गया है कि वह इस मामले में न्याय सुनिश्चित करे और नागरिकों के मानवाधिकारों की रक्षा करे।
अमेरिका ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने पाकिस्तान सरकार से अपील की है कि वह इस मामले में न्याय सुनिश्चित करे और नागरिकों के मानवाधिकारों की रक्षा करे। उन्होंने कहा है कि यह पाकिस्तान के संविधान और मानवाधिकारों के विरुद्ध है और यह पाकिस्तान की न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए भी खतरा है। इस मामले में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट का फैसला एक महत्वपूर्ण मोड़ है। इस फैसले में कहा गया है कि सैन्य अदालतों द्वारा नागरिकों को दोषी ठहराना संविधान के विरुद्ध है और यह पाकिस्तान के मानवाधिकारों के विरुद्ध भी है। इस फैसले के बाद पाकिस्तान सरकार पर दबाव बढ़ गया है कि वह इस मामले में न्याय सुनिश्चित करे और नागरिकों के मानवाधिकारों की रक्षा करे।