लखनऊ (उत्तर प्रदेश):- इंडियन ओवरसीज बैंक में शनिवार रात हुए बड़े चोरी कांड का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने सोमवार सुबह तीन बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। चिनहट इलाके में हुई मुठभेड़ में एक बदमाश घायल हुआ जिसे बाद में गिरफ्तार किया गया जबकि चार अन्य मौके से फरार हो गए। इसके अलावा देर रात हुई एक अन्य मुठभेड़ में एक बदमाश पुलिस की गोली से मारा गया।
मुख्य बिंदु:
• बदमाशों ने 42 बैंक लॉकर तोड़कर करीब 1.5 करोड़ रुपये के सोने और 1.25 लाख की चांदी की चोरी की।
• गिरफ्तार बदमाश बिहार के विभिन्न जिलों से ताल्लुक रखते हैं।
• घटना के पीछे बैंक की सुरक्षा में गंभीर चूक पाई गई।
• पुलिस ने 1889 ग्राम सोना 1240 ग्राम चांदी और तीन लाख रुपये की नकदी बरामद की है।
शनिवार रात को इंडियन ओवरसीज बैंक के लॉकरों को तोड़ने के बाद गिरोह के सात सदस्य फरार हो गए थे। पुलिस को सूचना मिलने के बाद सोमवार सुबह चिनहट इलाके में दो संदिग्ध गाड़ियों को रोका गया।
पुलिस के रोकने पर एक गाड़ी से फायरिंग की गई जिसके जवाब में हुई मुठभेड़ में एक बदमाश घायल हो गया। वहीं चार अन्य बदमाश फरार हो गए। दूसरी गाड़ी से दो बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस के अनुसार सोमवार रात दूसरी मुठभेड़ में सोबिंद कुमार नामक बदमाश को ढेर कर दिया गया। सोबिंद बिहार के लखीसराय जिले का रहने वाला था।
बिहार के रहने वाले बदमाश
गिरफ्तार किए गए तीन बदमाशों की पहचान इस प्रकार हुई:
• अरविंद कुमार (मुंगेर जिला) – मुठभेड़ में घायल।
• बलराम कुमार (भागलपुर जिला)।
• कैलाश बिंद (मुंगेर जिला)।
पुलिस ने बताया कि फरार चार अन्य बदमाशों की पहचान भी कर ली गई है:
• मिथुन कुमार (लखीसराय)।
• सन्नी दयाल (मुंगेर)।
• विपिन कुमार (इंदिरानगर, लखनऊ)।
डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि बदमाशों ने वारदात से पहले छह महीने तक बैंक की रेकी की थी। 17 दिसंबर को गिरोह के सभी सदस्य लखनऊ पहुंचे और रात में करीब चार घंटे तक लॉकर तोड़ते रहे।
गिरोह के सरगना विपिन कुमार वर्मा ने योजना बनाई थी। लॉकर तोड़ने के दौरान बैंक के बाहर गश्त कर रही पुलिस को शक तक नहीं हुआ।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) अमित वर्मा ने बताया कि बैंक ने आरबीआई द्वारा निर्धारित सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया। सुरक्षा में भारी चूक के कारण प्रबंधन को नोटिस जारी किया जाएगा। पुलिस फरार चार बदमाशों की तलाश में छापेमारी कर रही है। पकड़े गए बदमाशों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस अब उनकी रिमांड लेकर पूछताछ करेगी ताकि गिरोह के अन्य सदस्यों और अन्य घटनाओं का पता लगाया जा सके।