नई दिल्ली:- दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने सरकारी बंगले को लेकर चल रहे विवाद पर पहली बार प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें न तो किसी शीशमहल से प्यार है और न ही किसी आलीशान बंगले से। उनका यह बयान तब आया जब उनके सरकारी बंगले की मरम्मत पर खर्च हुए करोड़ों रुपये को लेकर विपक्षी दलों ने उन्हें घेरा था। केजरीवाल ने कहा मुझे इन चीजों से कोई लगाव नहीं है। मैंने हमेशा सादगी और ईमानदारी के साथ काम किया है। जनता ने मुझे अपने मुद्दे हल करने के लिए चुना है न कि इन बेकार की बातों पर ध्यान देने के लिए।
इस विवाद के कारण केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी (AAP) विपक्ष के निशाने पर है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस ने इसे करदाताओं के पैसे की बर्बादी करार दिया है। भाजपा ने कहा जो व्यक्ति सादगी की बात करता था वह अब करोड़ों रुपये के बंगले में रह रहा है। यह जनता के साथ धोखा है।
वहीं केजरीवाल ने कहा कि बंगले की मरम्मत सरकारी नियमों के तहत हुई है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को बेवजह तूल दिया जा रहा है ताकि असल मुद्दों से ध्यान भटकाया जा सके। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनका फोकस शिक्षा, स्वास्थ्य और भ्रष्टाचार विरोधी अभियानों पर है।
इस विवाद पर जनता की राय मिली-जुली है। कुछ लोग इसे केजरीवाल के मूल सिद्धांतों के खिलाफ मानते हैं तो कुछ इसे राजनीतिक साजिश करार देते हैं। इस विवाद ने राजनीति के केंद्र में एक नई बहस को जन्म दिया है कि क्या नेताओं को अपनी जीवनशैली में सादगी का पालन करना चाहिए।