नई दिल्ली:- बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के बीच भारत के विदेश सचिव 9 दिसंबर को बांग्लादेश का दौरा करेंगे। यह यात्रा फॉरेन ऑफिस कंसल्टेशन (एफओसी) के तहत हो रही है। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि इस बैठक में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा होगी। हाल के दिनों में बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। देश की अंतरिम सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस ने धार्मिक गुरुओं से मुलाकात कर शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों के लोगों को समान अधिकार मिलना चाहिए और हिंसा किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत इन घटनाओं को गंभीरता से देख रहा है और बांग्लादेश सरकार के साथ संवाद बनाए हुए है। माना जा रहा है कि विदेश सचिव की इस यात्रा के दौरान भारत बांग्लादेश सरकार पर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का दबाव डाल सकता है।
यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार, जल संसाधन प्रबंधन, सीमा सुरक्षा और क्षेत्रीय शांति जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की संभावना है।
क्या उम्मीद की जा सकती है?
यह दौरा भारत और बांग्लादेश के संबंधों को सुधारने का एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हो सकता है। हालांकि यह देखना बाकी है कि इस बातचीत के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा पर कोई ठोस कदम उठाया जाता है या नहीं।