नई दिल्ली:- इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की ब्रांड वैल्यू में पिछले कुछ सालों में काफी वृद्धि हुई है। 2023 में आईपीएल की ब्रांड वैल्यू 13 प्रतिशत बढ़कर 12 बिलियन डॉलर (लगभग 1.01 लाख करोड़ रुपये) हो गई है। यह वृद्धि आईपीएल के वैश्विक प्रचलन और इसके द्वारा उत्पन्न किए गए विपणन और वाणिज्यिक राजस्व के कारण हुई है।
आईपीएल को दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे लोकप्रिय टी20 लीग माना जाता है जो न केवल भारतीय क्रिकेट बल्कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को भी एक नया आयाम दे चुकी है। यह लीग हर साल कई शीर्ष क्रिकेट खिलाड़ियों और विश्वस्तरीय ब्रांड्स को आकर्षित करती है जो इसके लगातार बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है।
पिछले साल के मुकाबले चार प्रमुख फ्रेंचाइजी की ब्रांड वैल्यू में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखने को मिली है। चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके), मुंबई इंडियंस (एमआई), रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) और कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) की ब्रांड वैल्यू अब 100 मिलियन डॉलर से अधिक हो गई है। इन टीमों का क्रिकेट और व्यवसायिक दुनिया में जबरदस्त प्रभाव है और उनके प्रदर्शन और पॉपुलैरिटी ने इनकी ब्रांड वैल्यू में भी वृद्धि की है।
यह आईपीएल के आर्थिक रूप से सफल होने के संकेत हैं जहां उच्च स्तर की स्पॉन्सरशिप, प्रसारण अधिकार और प्रमोशनल पार्टनरशिप जैसे तत्व महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन सबका परिणाम यह है कि आईपीएल अब केवल क्रिकेट से कहीं अधिक एक ग्लोबल बिजनेस ब्रांड बन चुका है।