केप केनवेरल (अमेरिका):- भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पिछले 6 महीने से फंसे हुए हैं। दोनों ने 5 जून 2024 को बोइंग के नए स्टारलाइनर क्रू कैप्सूल से अंतरिक्ष की यात्रा शुरू की थी। यह मिशन मात्र एक सप्ताह का था लेकिन यान में तकनीकी खराबी के कारण दोनों को अंतरिक्ष में अतिरिक्त समय बिताना पड़ रहा है।
यान में खराबी और वापसी की तैयारी
नासा ने स्टारलाइनर यान को वापसी के लिए असुरक्षित मानते हुए उनके मिशन की अवधि बढ़ा दी है। अब दोनों अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी के लिए फरवरी 2025 तक इंतजार करना पड़ेगा। उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए नासा ने 28 सितंबर 2024 को स्पेसएक्स क्रू-9 मिशन लॉन्च किया। इस मिशन में भेजे गए दो नए एस्ट्रोनॉट्स उनके स्थान पर काम करेंगे और सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को वापस धरती पर लाने का कार्य करेंगे।
ऐतिहासिक उपलब्धि
सुनीता विलियम्स ने इस मिशन में बोइंग स्टारलाइनर क्रू कैप्सूल को उड़ाने वाली पहली अंतरिक्ष यात्री बनकर इतिहास रच दिया। यह उनके करियर की एक और बड़ी उपलब्धि है।
मिशन की चुनौतियां
इस मिशन में तकनीकी परेशानियों के बावजूद सुनीता और विल्मोर ने अंतरिक्ष में कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोग किए। इन प्रयोगों का उद्देश्य अंतरिक्ष में जीवन और पृथ्वी के लिए फायदेमंद तकनीकी खोज करना था।
नासा की प्रतिक्रिया
नासा ने बताया कि उनकी टीम अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित वापसी के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। फरवरी 2025 में उनकी वापसी के दौरान विशेष तैयारी की जाएगी ताकि भविष्य में इस प्रकार की समस्याओं से बचा जा सके।
सुनीता की प्रेरणा
भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बनी हुई हैं। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व को गर्व करने का मौका दिया है।