पंजाब :- पंजाब में सियासी माहौल एक बार फिर गरमाया है, जब शिरोमणि अकाली दल ने एक वीडियो जारी कर यह दावा किया कि पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी एसपी हरपाल सिंह ने सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाने वाले आतंकी से मिलकर साजिश रची थी। अकाली दल ने इस वीडियो को मीडिया के सामने पेश किया और कहा कि यह घटनाक्रम पंजाब में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाता है।
घटना का पृष्ठभूमि:
वीडियो में दिखाए गए आरोपों के मुताबिक 2021 में सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाने की साजिश को पंजाब पुलिस के एक अधिकारी ने आतंकियों के साथ मिलकर अंजाम दिया। यह घटना तब हुई थी जब सुखबीर सिंह बादल और उनकी पार्टी के अन्य नेता अपने चुनावी प्रचार में व्यस्त थे। हालांकि बादल की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों की तत्परता के कारण वह बाल-बाल बच गए थे। इस हमले के बाद पंजाब पुलिस ने इसे आतंकी हमला करार दिया और जांच शुरू कर दी थी।
अकाली दल का दावा:
शिरोमणि अकाली दल के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस वीडियो को जारी करते हुए आरोप लगाया कि एसपी हरपाल सिंह ने आतंकी से मिलकर हमला करने की साजिश रची थी। अकाली दल के अनुसार वीडियो में एसपी हरपाल सिंह और आतंकी के बीच की बातचीत को रिकॉर्ड किया गया है जिसमें वह अपने कनेक्शन को स्पष्ट करते हैं। इसके अलावा वीडियो में यह भी दावा किया गया है कि हरपाल सिंह ने आतंकी से पैसे की लेन-देन भी की थी और इसके बदले में हमला करने के लिए सहायता दी थी।
वीडियो का असर:
इस वीडियो के बाद पंजाब में सियासी हलचल तेज हो गई है। अकाली दल के नेता लगातार राज्य सरकार और पंजाब पुलिस के अधिकारियों से जवाब मांग रहे हैं। सुखबीर सिंह बादल ने इसे पंजाब में कानून-व्यवस्था की स्थिति के लिए खतरे की घंटी बताते हुए कहा कि अगर यह आरोप सही साबित होते हैं तो यह लोकतंत्र और कानून के शासन पर एक बड़ा सवाल उठाता है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और एसपी हरपाल सिंह के खिलाफ कठोर कदम उठाने चाहिए।
पुलिस का बयान:
इस मामले में पंजाब पुलिस ने अभी तक आधिकारिक रूप से कोई बयान नहीं दिया है लेकिन सूत्रों के अनुसार पुलिस ने वीडियो की जांच शुरू कर दी है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है और यदि आरोप सही पाए गए तो दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस विभाग ने इस मामले में किसी भी प्रकार के आरोपों की पुष्टि करने से मना किया है और मामले की जांच पूरी होने तक कोई भी सार्वजनिक बयान देने से बचा है।
सियासी प्रतिक्रिया:
इस घटना को लेकर पंजाब के सियासी दलों में भी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कांग्रेस पार्टी ने अकाली दल के आरोपों को खारिज करते हुए इसे राजनीतिक रोटियां सेंकने की कोशिश बताया है। कांग्रेस का कहना है कि अकाली दल इस वीडियो के जरिए अपनी नाकामियों को छिपाने की कोशिश कर रहा है।
दूसरी ओर आम आदमी पार्टी ने इस घटना पर गंभीर चिंता व्यक्त की है और राज्य सरकार से कार्रवाई की मांग की है। AAP ने कहा कि अगर यह आरोप सच हैं तो पंजाब पुलिस की छवि को नुकसान होगा और राज्य में सुरक्षा की स्थिति पर गंभीर असर पड़ेगा।
पंजाब में सियासी और पुलिस महकमे में इस मामले को लेकर उठे विवाद ने राज्य में सुरक्षा व्यवस्था और सरकार के प्रति जनता के विश्वास को फिर से सवालों के घेरे में डाल दिया है। अब यह देखना होगा कि पंजाब सरकार और पुलिस विभाग इस आरोप की जांच में कितनी तत्परता दिखाते हैं और क्या सही कानूनी कार्रवाई होती है।