जापान (टोक्यो) :- टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए सिल्वर मेडल जीतने वाले पहलवान बजरंग पूनिया ने हाल ही में एक गंभीर आरोप लगाया है जिसमें उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) के खिलाफ साजिश का दावा किया है। पूनिया ने कहा कि बीजेपी ने नाडा के साथ मिलकर उनकी छवि को खराब करने की कोशिश की जिसका परिणाम उनके खिलाफ चार साल के बैन के रूप में सामने आया। इस बैन से वह दुखी हैं और इसे एक राजनीतिक साजिश मानते हैं।
पूनिया ने यह बयान हरियाणा के चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि उनके खिलाफ यह निर्णय लिया गया क्योंकि उन्होंने हमेशा खेल भावना के तहत अपनी प्रतिस्पर्धाओं में भाग लिया है। उनका आरोप है कि राजनीतिक दबाव के चलते यह कार्रवाई की गई है। उनका यह भी कहना था कि उनके लिए यह बैन सिर्फ एक व्यक्तिगत मुद्दा नहीं बल्कि एक बड़े राजनीतिक खेल का हिस्सा है।
बजरंग पूनिया का यह बयान उस समय आया है जब नाडा ने उन्हें डोपिंग के आरोप में चार साल के लिए निलंबित कर दिया है। इस फैसले को लेकर पूनिया ने कड़ा विरोध जताया और कहा कि उन्हें पहले इस मामले में कोई नोटिस या जानकारी नहीं दी गई थी। उन्होंने यह भी बताया कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करने की योजना बना रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि न्याय मिलेगा।
यह घटनाक्रम भारतीय कुश्ती में एक नया विवाद खड़ा कर सकता है क्योंकि बजरंग पूनिया जैसे खिलाड़ी का नाम इस विवाद में शामिल होने से खेल की प्रतिष्ठा पर भी असर पड़ सकता है। पूनिया की भविष्य की प्रतियोगिताओं पर भी इस बैन का असर पड़ सकता है खासकर आगामी ओलंपिक और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उनकी संभावनाओं पर।
इस विवाद के बीच बीजेपी और नाडा दोनों ने पूनिया के आरोपों को नकारा है और उनका कहना है कि यह एक कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा था। बीजेपी ने इसे एक व्यक्तिगत मामले के रूप में पेश किया है, जबकि नाडा ने कहा कि उन्होंने सभी नियमों का पालन करते हुए अपनी कार्रवाई की।