लखनऊ ( उत्तर प्रदेश): आज टी ई टी की परीक्षा का पेपर लीक होने से शासन द्वारा परीक्षा को रद्द कर दिया गया। जिस के कारण सभी विपक्षी दलों ने वर्तमान बीजेपी सरकार पर तीखा प्रहार करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस एवं सपा समेत सभी विपक्षी दलों ने राजनीतिक रोटियां सेंक ना शुरु कर दिया है। ए डी जी प्रमुख प्रशांत कुमार ने पेपर लीक होने के कुछ समय बाद ही अपनी प्रेस कांफ्रेंस जारी करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की टी ई टी परीक्षा डॉ पालियों में तथा 2336 सेंटरों पर होनी थी, जिसमें लगभग 1999418 परीक्षार्थियों को परीक्षा देनी थी। लेकिन योगी सरकार मे आज तक कोई भी परीक्षा न्यायिक प्रक्रिया से नहीं गुजरी है। उन्होंने बताया कि बीती रात से अबतक यूपी के विभिन्न शहरों से अभी तक लगभग 23 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। लखनऊ से चार मेरठ से तीन वाराणसी और गोरखपुर से दो, कौशांबी से एक तथा प्रयागराज से तेरह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन सभी लोगों को एस टी एफ कि टीम ने पकड़ा है। इन सभी लोगों के पास से पेपर की फोटो कापी बरामद हुई है, ये सभी टी ई टी के प्रश्नपत्र थे। शासन ने फैसला लिया है कि अगले महीने के भीतर दुबारा परीक्षा कराई जाएगी। दुबारा कराई जाने वाली परीक्षा का पूरा खर्चा सरकार उठाएगी। पेपर देने आने वाले छात्रों अपने घर तक जाने के लिए बसों में निशुल्क सुविधा मिलेगी। इस पूरे प्रकरण की जांच एस टी एफ की टीम द्वारा की जाएगी। किसी भी को बख्शा नहीं जाएगा। पकड़े गए लोग यूपी के अलावा बिहार से भी ताल्लुक रखते हैं।ए डी जी प्रमुख प्रशांत कुमार के प्रेस वार्ता के पश्चात ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट करके कहा कि बीजेपी सरकार बेरोजगार अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। भाजपा सरकार में पेपर लीक होना आम बात है। यूपी शैक्षिक भ्रष्टाचार में सबसे आगे है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी अपने ट्वीट में कहा कि भर्तियों में भ्रष्टाचार , पेपर का आउट होना पहचान बना। आज यूपी टीईटी का पेपर आउट हुआ है जिससे लाखों युवाओं की मेहनत पर पानी फिर गया। यूपी में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। गौरतलब है कि यूपी में जल्द ही विधान सभा चुनाव होने वाले हैं, जिसके कारण विपक्षी दल वर्तमान सरकार पर उंगली उठाने का एक भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं।