नई दिल्ली :- नई संसद में मंगलवार को राज्यसभा का पहला कार्य दिवस रहा। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में आए और उन्होंने महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन अधिनियम), जी-20, देश की नई संसद और पुरानी संसद जैसे महत्वपूर्ण विषयों का जिक्र किया।
नई संसद में राज्यसभा की पहली बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आज यहां राज्यसभा के सभी सांसद साथियों से आग्रह करने आया हूं कि जब भी महिला आरक्षण बिल हमारे सामने आए तो आप सब सर्वसम्मति से उस पर निर्णय करें।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि महिला आरक्षण विधायक का हमने हमेशा से समर्थन किया है। 2010 में राज्य सभा में कांग्रेस-यूपीए सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक पास करवाया था।
खड़गे ने कहा कि राजनीति में जिस प्रकार एससी/एसटी वर्ग को संवैधानिक अवसर मिला है, उसी प्रकार ओबीसी वर्ग की महिलाएं समेत सभी को इस विधयेक से सामान मौका मिलना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि मोदी सरकार जो विधेयक लाई है, उसको गौर से देखने की ज़रुरत है। विधेयक के मौजूदा प्रारूप में लिखा है कि यह 10 वर्षीय सेंसस और डीलिमिटेशन के बाद ही लागू किया जाएगा।
खड़गे ने कहा कि इसका मतलब मोदी सरकार ने शायद 2029 तक महिला आरक्षण के दरवाज़े बंद कर दिए हैं। भाजपा को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
इससे पहले राज्यसभा में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया है। यह विधेयक नारी सशक्तिकरण से जुड़ा है। महिला सशक्तिकरण पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि बेटियों के लिए सैनिकों स्कूलों के दरवाजे खोले गए हैं।