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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की बढ़ी मुश्किलें

इस्लामाबाद (पाकिस्तान):- पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें बढ़ गई है। देश में दोबारा पीएम बनने का सपना देखने वाले इमरान खान को उम्र कैद की सजा हो सकती है। यह दावा खुद पाकिस्तान के कानून मंत्री की ओर से किया गया है।

बीते 9 मई को इमरान खान को भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद पूरे पाकिस्तान में हिंसा और आगजनी फैल गई थी। इस दौरान सरकारी और गैर सरकारी संपत्तियों में उनके समर्थकों की ओर से तोड़फोड़ कर आग लगा दी गई थी।

पाकिस्तान के कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने कहा है, कि इमरान खान को ‘साइफर’ मामले में 14 सालों की जेल की सजा हो सकती है।

दरअसल, इमरान खान जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे, उस वक्त उनके प्रधान सचिव थे आजम खान। आजम खान ने इसी हफ्ते एक बयान में कहा है, कि इमरान खान ने अपनी सरकार गिराने के पीछे जिन अमेरिकन साजिश का हवाला दिया था, और उसे साबित करने के लिए जिन वर्गीकृत दस्तावेजों का हवाला देने की बात कही थी, असल में उसकी जानकारियां अलग थीं।

 

पाकिस्तान में इस मामले को ‘साइफर’ केस कहा जाता है, क्योंकि प्रधानमंत्री रहने के दौरान इमरान खान ने एक रैली में एक दस्तावेज को जनता के सामने फाड़ा था और आरोप लगाया था, कि ये कागज वो दस्तावेज था, जिसमें अमेरिकी साजिश की बात की गई है।

सेना के कई प्रतिष्ठानों में भी आगजनी को अंजाम दिया गया था। इसके बाद इमरान खान और उनके समर्थकों पर पाकिस्तान की सैन्य अदालत में मुकदमा चलाने की मंजूरी पीएम शहबाज शरीफ ने दी थी।

ऐसे में इमरान खान को उम्र कैद होने की आशंका बढ़ गई है। उन पर भी सैन्य अदालत में मुकदमा चलाया जा रहा है। पूर्व में इमरान खान स्वयं ऐसी आशंका जाहिर कर चुके हैं।

पाकिस्तान के कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को राजनयिक सूचना को उजागर करके राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने का दोषी पाया गया तो उन्हें आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।

खान ने पिछले साल मार्च में वाशिंगटन में पाकिस्तान दूतावास द्वारा भेजी गयी एक सूचना का इस्तेमाल उन्हें सत्ता से बेदखल करने के लिए एक महीने बाद अमेरिका पर आरोप लगाने के वास्ते किया।

सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद इमरान ने पूरा आरोप अमेरिका पर मढ़ा था। दावा था कि अमेरिकी साजिश की वजह से वह सत्ता से बाहर किए गए। वाशिंगटन स्थित पाकिस्तान एंबेसी ने इमरान को एक केबल भेजा था, जिसके आधार पर वह अमेरिका को जिम्मेदार ठहरा रहे थे। ‘साइफर’ के पूरे मामले का खुलासा पूर्व प्रधान सचिव आज़म खान ने किया था। अपने बयान में उन्होंने दावा किया था कि जब उन्होंने इमरान खान के साथ ‘साइफर’ शेयर किया तो वह जश्न मनाने लगे… बोले “अमेरिका का ब्लंडर।

इमरान ने मार्च 2022 में एक रैली में उस टॉप सीक्रेट ‘साइफर’ को सार्वजनिक रूप से लहराया था और बताया था कि उनके पास सबूत हैं। अमेरिका को इसपर आधिकारिक रूप से बयान जारी करना पड़ा और इमरान के दावे को ‘बिल्कुल झूठ’ करार दिया था। इमरान को इस केस में कोर्ट ने जमानत भी दिया है। अभी इस मामले की जांच पाकिस्तान की फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी कर रही हैं। एजेंसी ने इमरान को समन भेजा है और 25 जुलाई को जांच में शामिल होने कहा है। अब ये एजेंसी के हाथ में है कि जांच को आपराधिक जांच में बदला जाए या नहीं।

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