सूरीनाम:- सूरीनाम के पारामारिबो में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय समुदाय को संबोधित किया। अपनी तीन दिन की यात्रा के अंतिम दिन उन्होंने आर्य देवकर मंदिर और श्री विष्णु मंदिर में पूजा अर्चना की। राष्ट्रपति आज सूरीनाम में भारतीय प्रवासियों के लिए एक सामुदायिक रात्रिभोज की मेजबानी भी की। इससे पहले कल राष्ट्रपति ने भारत और सूरीनाम के बीच बढती साझेदारी के लिए सूरीनाम में भारतीय प्रवासियों की सराहना की है।
सूरीनाम के पारामारिबो में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मुझे खुशी है कि सूरीनाम में प्रवासी भारतीय देश के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने लगभग सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।
कल राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति मुर्मू को सूरीनाम के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ग्रैंड ऑर्डर ऑफ़ द चेन ऑफ़ द येलो स्टार’ से सम्मानित किया गया था। इससे पहले प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र में तीन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिकाप्रसाद संतोखी के साथ पारामारिबो में 5 जून को सूरीनाम में भारतीयों के आगमन के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में सांस्कृतिक उत्सव में शामिल हुईं थी। पारामारिबो में इंडिपेंडेंस स्क्वायर में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि आज हम सूरीनाम में भारतीयों के आगमन की 150वीं वर्षगांठ मना रहे हैं जो सूरीनाम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस दिन, वर्ष 1873 में, भारतीयों का पहला समूह जहाज लल्ला रूख पर सूरीनाम के तट पर पहुंचा, जो इस देश के इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत थी।