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पुलिस मुठभेड़ में पूर्व उग्रवादी नेता के मारे जाने की सीएम कोनराड संगमा ने दिए जांच के आदेश

शिलांग: मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा (Conrad Sangma) ने सोमवार को पुलिस मुठभेड़ में पूर्व उग्रवादी नेता के मारे जाने की घटना की न्यायिक जांच कराने की घोषणा की. बता दें कि पूर्व उग्रवादी नेता के समर्थकों ने मुठभेड़ के खिलाफ स्वतंत्रता दिवस के दिन शिलांग (Shillong) में तोड़फोड़ और आगजनी की थी, जिसकी वजह से प्रशासन को राज्य की राजधानी में कर्फ्यू लगाना पड़ा था.

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संगमा ने कहा कि उप मुख्यमंत्री प्रेस्टन तिनसॉन्ग की अध्यक्षता में सरकार शांति समिति गठित करेगी, जिसमें नागरिक समाज संगठन के प्रतिनिधि और अन्य बतौर सदस्य शामिल होंगे. उन्होंने बताया कि सरकार ने शिलांग में कर्फ्यू की मियाद 24 घंटे और बढ़ाने का फैसला किया है एवं अब यह 18 अगस्त सुबह पांच बजे तक लागू रहेगा. मोबाइल इंटरनेट सेवा भी अगले 24 घंटे तक बंद रहेगी. संगमा ने कहा, ‘‘मंत्रिमंडल के सदस्यों की सलाह पर आयोग जांच अधिनियम के तहत 13 अगस्त की घटना की जांच के लिए न्यायिक जांच कराने का फैसला किया गया.’’

न्यायाधीश के नाम की घोषणा नहीं

हालांकि, मुख्यमंत्री ने 13 अगस्त को मुठभेड़ में हुई प्रतिबंधित हाइनीवट्रेप नेशनल लिब्रेशन काउंसिल के पूर्व स्वयंभू महासचिव चेरिस्टरफ़ील्ड थांगखिव की मौत की न्यायिक जांच के लिए न्यायाधीश के नाम की घोषणा नहीं की. संगमा ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य की मदद के लिए केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बल की पांच अतिरिक्त कंपनियां मंजूर की हैं.

संगमा ने एक वीडियो संदेश में कहा, “मैंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से कल दो बार कानून व्यवस्था की स्थिति पर बात की. सीएपीएफ की पांच अतिरिक्त कंपनियों की मांग की गई है और चार पहले ही आ चुकी हैं.’’ सीमा सुरक्षा बल और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की दो-दो कंपनियां राज्य में पहुंच चुकी हैं.

समिति में होंगे ये सदस्य

संगमा ने कहा कि उप मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति में कैबिनेट मंत्री आर. डोहलिंग और आर. टोंगखार भी होंगे. उन्होंने कहा, ‘‘समिति में नागरिक समाज संगठनों, धार्मिक संगठनों, समुदाय प्रमुख आदि भी सदस्य होंगे.’’

संगमा ने ट्वीट किया, ‘‘सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में एक उप समिति होगी जिसमें उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री सदस्य होंगे, जो कानून व्यवस्था, भविष्य के खतरों और कुल मिलाकार मेघालय पुलिस की कार्यप्रणाली को देखेगी.’’

गृह मंत्री ने पद से दिया इस्तीफा

हालांकि, शिलांग की घटना के बाद गृह मंत्री लहकमैन रिम्बुई ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने उसे स्वीकार नहीं किया है. रिम्बुई यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी से ताल्लुक रखते हैं, जो मेघालय डेमोक्रेटिक अलायंस सरकार के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी की सहयोगी है. रिम्बुई और उनकी पार्टी ने मुख्यमंत्री से 2018 में आत्मसमर्पण करने वाले थांगखिव की हत्या की न्यायिक जांच की घोषणा करने का आग्रह किया था. थांगखिव की मौत पर प्रदेश भाजपा ने शोक व्यक्त किया है.

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अर्नेस्ट मावरी ने रविवार को एक शोक संदेश में कहा, ’मैं भारतीय जनता पार्टी, मेघालय प्रदेश की ओर से थांगखिव के निधन पर शोक व्यक्त करता हूं.’ थांगखिव की 13 अगस्त को उस समय मुठभेड़ में मौत हो गई थी जब उसने राज्य में सिलसिलेवार आईईडी विस्फोटों के सिलसिले में अपने घर पर छापेमारी के दौरान एक पुलिस दल पर चाकू से हमला करने की कोशिश की थी.

शिलांग में कई जगहों पर तोडफोड़ की घटनाएं

स्वतंत्रता दिवस पर उग्रवादी नेता के अंतिम संस्कार के दौरान शिलांग के जयआ और मवलाई इलाकों से आगजनी और तोड़फोड़ की खबरें आई थीं. अपर शिलांग के थर्ड माइल इलाके में रविवार रात अज्ञात बदमाशों ने मुख्यमंत्री के निजी आवास पर पेट्रोल बम फेंके थे, हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ था. वह उस समय अपने आधिकारिक पोलो हिल्स आवास पर थे.

कुछ घंटों बाद, स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आगे बढ़ रहे सीआरपीएफ के एक वाहन पर भीड़ ने हमला कर दिया, जो मवलाई में एक सड़क पर टायर जला रहे थे. रविवार रात को दो प्रभावित इलाकों में पुलिस की दो गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया गया. हालांकि, सोमवार शाम तक राज्य की राजधानी में कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है.

राजधानी में हालात शांतिपूर्ण

गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई’ को बताया, “राज्य की राजधानी में आज स्थिति शांतिपूर्ण रही. यह नियंत्रण में है. ” मेघालय मानवाधिकार आयोग ने रविवार को मुख्य सचिव एम. एस. राव को इस पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था. गौरतलब है कि थांगखिव के घर पर पुलिस ने शुक्रवार को छापेमारी की थी जिसके बाद शिलांग के मवलाई और जयआ इलाके में हिंसा भड़क गई थी. थांगखिव ने वर्ष 2018 में आत्मसमर्पण किया था और कथित तौर पर 10 अगस्त को हुए आईईडी धमाके में शामिल था.

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