सोनभद्र(उत्तर प्रदेश):-जिला कृषि रक्षा अधिकरी/कीटनाशी अनुज्ञप्ति अधिकारी सोनभद्र ने जानकारी देते हुए बताया कि कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय (कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण) की अधिसूचना 05 नवम्बर 2015 से जारी अधिसूचना में दिये गये निर्देश में ’’एक व्यक्ति विक्रय स्टाॅक या विक्रय’’ के लिये प्रदर्शन या कीटनाशी के विक्रय हेतु अनुज्ञप्ति प्रदान करने के लिये आवेदन करता है। वह या उसके अधीन इस प्रयोजनार्थ नियुक्त कर्मचारी कृषि विज्ञान या जैव रसायन या जैव प्रौधियगिकी या जीवन विज्ञान या रसायन विज्ञान या वनस्पति विज्ञान या प्राण विज्ञान में स्नातक डिग्री या किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से कृषि या वागवानी में एक वर्ष का डिप्लोमा पाठ्यक्रम के रूप में न्यूनतम अर्हता धारण करता हों।
सभी फुटकर विक्रेता या डीलर जो इस नियम की अधिसूचना की तारिख को विधिमान अनुज्ञप्ति धारण न करतें हो, उन्हे शैक्षिक अर्हता प्रदान करने के लिये दो वर्ष का समय दिया गया था साथ ही कीटनाशी (दूसरा संशोधन) नियम 2017 तथा 01 फरवरी 2022 को जारी अधिसूचना सा0का0नि0 07 (अ) कीटनाशी संशोधन नियम के द्वारा अर्हता के बिना वैध अनुज्ञप्ति धारको को सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय /संस्थान से सप्ताह में एक बार कक्षाओं सहित प्रति सप्ताह प्रतिदिन 12 सप्ताह की अवधि के लिये कीटनाशी प्रबंधन में पाठ्यक्रम हेतु समय दिया गया था जिसकी अन्तिम समय सीमा 31 दिसम्बर 2022 तक है। जनपद के जिन कीटनाशी विक्रेताओं द्वारा अपनी शैक्षिक योग्यता/अर्हता की अधिसूचना नही दी गयी है। ऐसे कीटनाशी लाइसेेंस धारको को सूचित किया जाता है कि वह 12 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम ’’सर्टीफिकेट कोर्स आॅन इनसेक्टिसाईड मनेजमेन्ट फार इनसेक्टिसाईड डीलर्स/डिस्टीव्यूटर्स’’ का कोर्स तत्काल कर कार्यालय को सूचित करें अन्यथा शैक्षिक योग्यता/अर्हता पूर्ण न करने की दशा में 31 दिसम्बर 2022 के बाद उनका कीटनाशी लाइसेंस स्वतः निरस्त हो जायेगा, जिसके लिये वह स्वंय उत्तरदायी होगें। यदि 31 दिसम्बर 2022 के बाद कोई कीटनाशी विके्रता निर्धारित योग्यता/अर्हता धारण किये बिना व्यापार करते हुये पाया जाता है तो कीटनाशी अधिनियम 1968 के प्राविधानोन्तर्गत विधिक कार्यवाही की जायेगी।