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गाजियाबाद की सड़कों पर दौड़ेगा विकास का पहिया, 150 करोड़ की लागत से बदल रही शहर की तस्वीर

गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश):- गाजियाबाद के नागरिकों के लिए राहत भरी खबर है। शहर की बदहाल और गड्ढों से भरी सड़कों को अब नया जीवन मिलने जा रहा है। नगर निगम ने 15वें वित्त आयोग के तहत 150 करोड़ रुपये की भारीभरकम राशि से पूरे शहर में विकास कार्यों की शुरुआत कर दी है। इस योजना के तहत खास तौर पर पांचों जोनों — सिटी, कविनगर, विजय नगर, वसुंधरा और इंदिरापुरम — को प्राथमिकता दी गई है।

 

शहर में कई वर्षों से सड़कें जर्जर हालात में थीं। बरसात के मौसम में तो हाल और भी बदतर हो जाता था, जब सड़कों पर जमा पानी और खुले गड्ढे लोगों के लिए जानलेवा साबित होते थे। आम जनता, खासकर दुपहिया वाहन चालकों को आए दिन दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता था। लेकिन अब नगर निगम ने इन समस्याओं का स्थायी समाधान निकालने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं।

 

इस परियोजना के तहत गाजियाबाद की मुख्य और संपर्क सड़कों को गड्ढामुक्त किया जाएगा। जहां-जहां सड़कें टूट चुकी हैं, वहां नई कंक्रीट या हॉटमिक्स सड़कें डाली जा रही हैं। इसके अलावा, जलनिकासी की समस्या को देखते हुए नालों की मरम्मत और सफाई भी तेज़ी से की जा रही है। इंदिरापुरम और वसुंधरा जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में बारिश के दौरान जलभराव की समस्या आम रही है, जिसे अब इस परियोजना के तहत दूर किया जा रहा है।

 

विकास कार्यों की निगरानी खुद नगर आयुक्त और जोनल अधिकारी कर रहे हैं। शहर को स्मार्ट और सुगम बनाने की दिशा में यह एक बड़ी पहल मानी जा रही है। नगर निगम का कहना है कि यह परियोजना केवल तात्कालिक सुधार नहीं, बल्कि दीर्घकालिक समाधान की सोच के साथ आगे बढ़ रही है। सड़कों की मजबूती, जलनिकासी की व्यवस्थित योजना और यातायात को सुगम बनाने के लिए इंजीनियरिंग स्तर पर खास तैयारी की गई है।

 

स्थानीय नागरिकों ने भी इस कार्य की सराहना की है। दुकानदारों, वाहन चालकों और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों का कहना है कि लंबे समय बाद शहर में इतनी व्यापक स्तर पर काम होता दिख रहा है। लोगों को उम्मीद है कि इस बार केवल दिखावा नहीं, बल्कि जमीनी हकीकत में सुधार नजर आएगा।

नगर निगम ने यह भी आश्वासन दिया है कि जो भी कार्य हो रहे हैं, उनमें गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। ठेकेदारों और निर्माण एजेंसियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि निर्धारित समयसीमा में काम पूरा किया जाए और निर्माण मानकों का पूर्ण पालन हो।

गाजियाबाद में यह बदलाव सिर्फ सड़क या नाले तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे शहरी अनुभव को बेहतर बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित होगा। अगर सब कुछ योजना के अनुसार चलता रहा, तो आने वाले महीनों में गाजियाबाद की पहचान सिर्फ NCR का हिस्सा नहीं, बल्कि एक “स्मार्ट और सुव्यवस्थित शहर” के रूप में उभरेगी।

 

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