राजा रघुवंशी हत्याकांड में नया मोड़: इंदौर में हुए चर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड में अब एक और चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है। मृतक के भाई विपिन रघुवंशी ने दावा किया है कि इस हत्याकांड में सिर्फ राज कुशवाहा ही नहीं, बल्कि कोई तीसरा और भी बड़ा किरदार शामिल है, जो अब तक पर्दे के पीछे छिपा हुआ है।
विपिन रघुवंशी ने आरोप लगाया कि राज कुशवाहा तो सिर्फ एक मोहरा था, असली साजिश किसी और ने रची थी। उन्होंने बताया कि घटना से पहले सोनम को दो अज्ञात लोगों के साथ गाजीपुर में देखा गया था और फिर उसे वाराणसी में भी देखा गया। ये बात खुद कुछ चश्मदीदों ने परिवार को बताई है।
राजा रघुवंशी की हत्या पहले ही प्रेम प्रसंग और घरेलू विवाद से जुड़ी हुई मानी जा रही थी। पत्नी सोनम और प्रेमी राज कुशवाहा के बीच बढ़ती नजदीकियां ही हत्या की वजह बताई जा रही थीं। लेकिन अब जब मृतक के भाई ने तीसरे व्यक्ति की बात कही है तो पुलिस की जांच और भी जटिल हो गई है।
विपिन ने साफ तौर पर कहा कि अगर पुलिस सिर्फ राज कुशवाहा पर मामला बंद कर देगी तो असली गुनहगार बच जाएगा। उन्होंने पुलिस से अपील की है कि सोनम की कॉल डिटेल्स, लोकेशन हिस्ट्री और बैंक लेन-देन की गहराई से जांच की जाए ताकि पूरी साजिश उजागर हो सके।
जानकारी के अनुसार हत्या से पहले सोनम ने राज कुशवाहा को मैसेज भेजा था कि “इसे मार डालो, नहीं तो मैं मर जाऊंगी”। यही मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ और इसी के आधार पर राज की गिरफ्तारी हुई। लेकिन अब परिवार का कहना है कि सोनम अकेले इस साजिश को अंजाम नहीं दे सकती थी, उसके पीछे किसी और का दिमाग काम कर रहा था।
मृतक के भाई ने एक और दावा किया कि हत्याकांड के ठीक बाद सोनम की गतिविधियां बेहद संदिग्ध थीं। वह न तो रोई, न ही पुलिस के सामने ठीक से बयान दे पाई। परिवार को शक है कि वह कुछ छिपा रही है और किसी के दबाव में है।
अब इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में आ गई है। क्या जांच एजेंसियां इस तीसरे शख्स तक पहुंच पाएंगी? या फिर यह मामला भी अधूरा रह जाएगा?
स्थानीय लोगों और समाजसेवियों का कहना है कि इस जघन्य हत्याकांड की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए ताकि कोई भी दोषी बच न सके और निर्दोष को सजा न मिले।
अब देखने वाली बात यह होगी कि पुलिस इस दावे को कितनी गंभीरता से लेती है और क्या सोनम के पीछे कोई और चेहरा है जो अभी सामने नहीं आया है। राजा रघुवंशी की हत्या सिर्फ एक पारिवारिक विवाद नहीं बल्कि एक गहरी साजिश हो सकती है। इसका सच जितनी जल्दी सामने आएगा, उतना ही न्याय के लिए बेहतर होगा।