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विराट कोहली के संन्यास पर रवि शास्त्री की नाराजगी, बीसीसीआई को घेरा

नई दिल्ली :- भारतीय क्रिकेट के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने हाल ही में एक बड़ा बयान देकर क्रिकेट जगत में नई बहस छेड़ दी है। उन्होंने कहा है कि विराट कोहली जैसे महान खिलाड़ी के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की प्रक्रिया को बहुत बेहतर तरीके से संभाला जा सकता था। उनका मानना है कि कोहली को एक शानदार विदाई मिलनी चाहिए थी क्योंकि उन्होंने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।

रवि शास्त्री ने कहा कि विराट कोहली का टेस्ट से जाना उनके जैसे दिग्गज खिलाड़ी के स्तर के अनुरूप नहीं था। उन्होंने इस बात पर खास नाराजगी जाहिर की कि बीसीसीआई ने कोहली के संन्यास को एक औपचारिक सम्मान के रूप में नहीं लिया। शास्त्री ने यह भी कहा कि कोहली ने जिस समर्पण और जुनून के साथ भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेला है वह बहुत कम खिलाड़ियों में देखने को मिलता है।

शास्त्री ने याद दिलाया कि जब वह कोच थे तब कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम ने विदेशों में जीत हासिल की और टीम को एक आक्रामक पहचान दी। उन्होंने इंग्लैंड ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका जैसी जगहों पर ऐतिहासिक जीतों में अहम भूमिका निभाई। रवि शास्त्री ने कहा कि ऐसे खिलाड़ी को कम से कम एक आखिरी टेस्ट मैच खेलने का मौका मिलना चाहिए था जिसमें पूरा देश उन्हें सलाम करता।

इसके अलावा शास्त्री ने एक और मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि पिछले साल जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी खेली गई थी तब विराट कोहली को दोबारा टेस्ट टीम का कप्तान बना देना चाहिए था क्योंकि उस समय वह मानसिक और शारीरिक रूप से पूरी तरह तैयार थे। शास्त्री ने इस फैसले को एक बड़ी चूक बताया।

रवि शास्त्री ने यह भी कहा कि हर महान खिलाड़ी को एक सम्मानजनक विदाई मिलनी चाहिए ताकि युवा खिलाड़ियों को भी यह संदेश जाए कि देश के लिए खेलने वालों की हमेशा कद्र की जाती है। उनका कहना है कि जब सचिन तेंदुलकर ने संन्यास लिया था तब पूरे देश ने उन्हें भावभीनी विदाई दी थी और वही रवैया कोहली के साथ भी अपनाया जाना चाहिए था।

कोहली के संन्यास की खबर भले ही कुछ समय पहले आई हो लेकिन जिस तरीके से वह टेस्ट क्रिकेट से बाहर हुए वह न तो उनके चाहने वालों को पसंद आया और न ही क्रिकेट विशेषज्ञों को। रवि शास्त्री जैसे पूर्व कोच की नाराजगी इस बात का संकेत है कि कहीं न कहीं इस प्रक्रिया में संवेदनशीलता की कमी रही।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बीसीसीआई इस बयान पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या भविष्य में किसी अन्य दिग्गज के साथ ऐसा व्यवहार नहीं दोहराया जाएगा। विराट कोहली जैसे खिलाड़ी के योगदान को भूलना न तो प्रशंसकों के लिए आसान होगा और न ही भारतीय क्रिकेट के इतिहास के लिए।

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