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दिल्ली की भीषण गर्मी ने तोड़े सारे रिकॉर्ड लोग बेहाल मौसम हुआ बेकाबू

नई दिल्ली :- दिल्ली में इस समय गर्मी का कहर अपने चरम पर है जहां तापमान ने सभी सीमाएं लांघ दी हैं और आम जनजीवन पूरी तरह अस्तव्यस्त हो चुका है। मंगलवार का दिन इस सीजन का सबसे गर्म दिन साबित हुआ जब अधिकतम तापमान 43.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। लेकिन यह केवल आंकड़ों में था जबकि वास्तविक ताप का अनुभव इससे भी ज्यादा रहा और लोगों को करीब 47 डिग्री जैसी भीषण गर्मी का अहसास हुआ।

राजधानी की सड़कों पर दोपहर के समय सन्नाटा छा गया है। लोग जरूरी काम होने पर ही बाहर निकल रहे हैं। धूप इतनी तीव्र है कि चंद मिनट बाहर रहने पर ही सिर चकराने लगता है। ऑटो रिक्शा चालकों से लेकर राह चलते पैदल यात्रियों तक हर कोई गर्म हवा की मार से परेशान है। बिजली की खपत लगातार बढ़ रही है जिससे बिजली सप्लाई पर दबाव बढ़ता जा रहा है।

मौसम विभाग ने हालात को देखते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है और नागरिकों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। डॉक्टरों की राय है कि लोग दिन के समय घर के अंदर ही रहें जितना हो सके उतना पानी पिएं और हल्के रंग के सूती कपड़े पहनें। विशेषकर बच्चों बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को धूप से पूरी तरह बचाने की जरूरत है क्योंकि इस स्थिति में लू लगने और डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है।

बाजारों में छतरियों गमछों और सनस्क्रीन की मांग तेजी से बढ़ी है। वहीं अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। जल बोर्ड ने सभी कॉलोनियों में पानी की नियमित सप्लाई बनाए रखने का निर्देश दिया है और विभिन्न स्थानों पर टैंकर भी भेजे जा रहे हैं ताकि लोगों को पीने के पानी की किल्लत न हो।

इस भीषण गर्मी का असर सिर्फ आम लोगों पर ही नहीं बल्कि जनसंख्या से जुड़ी विभिन्न सेवाओं पर भी पड़ रहा है। स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए समय में बदलाव किया गया है। कई कार्यालयों में कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा दी जा रही है ताकि अनावश्यक यात्रा से बचा जा सके।

वैज्ञानिकों का मानना है कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के चलते ऐसी स्थितियां अब सामान्य होती जा रही हैं। अगर समय रहते पर्यावरण की रक्षा के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए तो भविष्य में इससे भी ज्यादा खतरनाक गर्मी का सामना करना पड़ सकता है।

दिल्ली वालों के लिए यह समय केवल शारीरिक नहीं मानसिक सहनशक्ति की भी परीक्षा बन गया है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में कुछ राहत मिलेगी लेकिन जब तक मौसम बदलता नहीं तब तक सावधानी ही सबसे बड़ा उपाय है।

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