उत्तराखंड:- उत्तराखंड के बहुचर्चित वनंतरा हत्याकांड में आखिरकार लंबे इंतजार के बाद न्याय की दिशा में एक बड़ा मोड़ आया है। कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने शुक्रवार को इस मामले के तीनों प्रमुख आरोपियों—रिसॉर्ट मालिक पुलकित आर्य, प्रबंधक सौरभ भाष्कर और सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता को दोषी करार दे दिया है। अब अदालत में दोषियों की सजा को लेकर बहस जारी है और कुछ ही देर में सजा का ऐलान किया जाएगा।
इस बहुचर्चित मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। वर्ष 2022 में ऋषिकेश के पास स्थित वनंतरा रिसॉर्ट में काम करने वाली 19 वर्षीय युवती अंकिता भंडारी की रहस्यमयी मौत और फिर उसके शव का नहर से बरामद होना न केवल एक दर्दनाक घटना थी, बल्कि उस सिस्टम पर भी सवालिया निशान छोड़ गया था, जहां रसूखदारों के खिलाफ कार्रवाई में अक्सर देरी देखी जाती है।
न्यायिक प्रक्रिया का निर्णायक चरण
कोटद्वार की अदालत ने जांच रिपोर्ट, सबूतों और गवाहों के आधार पर तीनों आरोपियों को दोषी माना। अभियोजन पक्ष ने इस दौरान ठोस दलीलें पेश कीं, जिससे यह साबित हुआ कि यह महज एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक पूर्व नियोजित अपराध था। मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है, और बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि किसी भी संभावित अप्रिय घटना से निपटा जा सके।
जनता की नाराज़गी और भावनात्मक जुड़ाव
अंकिता की मौत के बाद से ही पूरे राज्य में गुस्से और आक्रोश की लहर दौड़ गई थी। आम लोगों के साथ-साथ कई सामाजिक संगठनों और महिला अधिकार समूहों ने भी इस मामले में निष्पक्ष जांच और न्याय की मांग की थी। सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक, लोगों ने अंकिता के लिए आवाज़ उठाई थी। जनता की यह एकजुटता भी कहीं न कहीं न्यायिक प्रक्रिया को गति देने में सहायक बनी।
राजनीतिक और प्रशासनिक सन्दर्भ
पुलकित आर्य का राजनीतिक रसूख इस मामले को और भी संवेदनशील बना देता है। एक पूर्व राज्यमंत्री का बेटा होने के कारण शुरुआत में केस को दबाने की कोशिशें भी सामने आई थीं, लेकिन मीडिया, सामाजिक कार्यकर्ताओं और जनता के दबाव ने प्रशासन को हरकत में ला दिया। विशेष जांच टीम (SIT) गठित की गई और हाईकोर्ट की निगरानी में जांच को आगे बढ़ाया गया।
क्या उम्मीद की जाए?
अब जब तीनों आरोपी दोषी करार दिए जा चुके हैं, तो जनता की निगाहें सजा के ऐलान पर टिकी हैं। अंकिता के परिजन और समाज उम्मीद कर रहे हैं कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी, ताकि यह फैसला एक मिसाल बने और भविष्य में कोई भी प्रभावशाली व्यक्ति अपने पद और शक्ति का गलत इस्तेमाल न कर सके।
निष्कर्षतः, वनंतरा केस में दोषियों का दोषी साबित होना न्याय की दिशा में एक साहसिक और महत्वपूर्ण कदम है। यह फैसला न केवल अंकिता को न्याय दिलाने की ओर बढ़ा कदम है।