नई दिल्ली:- केरल के तट पर एक बड़ा हादसा हुआ है, जब लिबेरियन-फ्लैग्ड कार्गो शिप एमएससी एल्सा 3 डूब गई। इस हादसे के चार दिन बाद, अलप्पुझा तट पर तेल के छोटे धब्बे देखे गए हैं।
हादसे का विवरण
एमएससी एल्सा 3, एक 28 वर्षीय पोत, तिरुवनंतपुरम के विझिंजम बंदरगाह से कोच्चि की ओर जा रहा था, जब यह अलप्पुझा के दक्षिण-पश्चिम में लगभग 25 किमी दूर डूब गया। जहाज में 600 से अधिक कंटेनर थे, जिनमें से कुछ तट पर आ गए हैं।
तेल के धब्बों का प्रभाव
भारतीय राष्ट्रीय महासागरीय सूचना सेवा (इनकोइस) के निदेशक डॉ. टीएम बालकृष्णन नायर ने कहा कि तेल के धब्बे समुद्री जीवन को प्रभावित कर सकते हैं, खासकर मानसून के दौरान जब कई मछली प्रजातियों का प्रजनन समय होता है। उन्होंने कहा कि प्रभाव तेल की मात्रा और हवा और धारा की दिशा पर निर्भर करेगा।
तेल के धब्बों की जांच और नियंत्रण
इनकोइस की टीम ने अलप्पुझा तट पर तेल के छोटे धब्बे पाए हैं। टीम ने कहा कि तेल के धब्बे बunker oil से आए हैं, जो जहाजों में उपयोग किया जाता है। उन्होंने कहा कि तेल के रिसाव को एक हद तक नियंत्रित किया गया है लेकिन आने वाले दिनों में दक्षिणी केरल तट पर तेल के धब्बे दिखाई दे सकते हैं।
सरकारी कार्रवाई
भारतीय तटरक्षक बल ने हादसे के तुरंत बाद तेल रिसाव की जांच और नियंत्रण के लिए अभियान शुरू किया। तटरक्षक बल के जहाज और विमान ने तेल रिसाव की जांच की और तेल के धब्बों को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किया।
एमएससी एल्सा 3 के डूबने से अलप्पुझा तट पर तेल के धब्बे देखे गए हैं। सरकार और एजेंसियां तेल रिसाव की जांच और नियंत्रण के लिए काम कर रही हैं। आने वाले दिनों में तेल के धब्बों के प्रभाव को देखते हुए सरकार और एजेंसियों की कार्रवाई महत्वपूर्ण होगी l