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लातेहार में सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, दो कुख्यात नक्सली ढेर, तीसरा घायल अवस्था में गिरफ्तार

झारखंड :- झारखंड के नक्सल प्रभावित लातेहार जिले में सुरक्षा बलों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। बीते रविवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में झारखंड जन मुक्ति परिषद (JJMP) के दो खूंखार नक्सली मारे गए, जबकि एक अन्य घायल नक्सली को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया। मारे गए नक्सलियों पर क्रमशः 10 लाख और 5 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इस मुठभेड़ ने इलाके में नक्सल नेटवर्क की कमर तोड़ने का काम किया है।

कैसे हुआ ऑपरेशन?

गुप्त सूचना के आधार पर CRPF, जिला पुलिस और कोबरा बटालियन की संयुक्त टीम ने छापेमारी की योजना बनाई थी। सुरक्षाबलों को जानकारी मिली थी कि नक्सली समूह जंगलों में बड़ी बैठक कर रहे हैं और किसी बड़ी वारदात की योजना बना रहे हैं। इसी सूचना पर लातेहार के बुढा पहाड़ और बालूमाथ क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया।

करीब दो घंटे चली मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने दो नक्सलियों को मार गिराया और एक को घायल अवस्था में पकड़ लिया। घटनास्थल से भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और नक्सली दस्तावेज बरामद हुए हैं।

मारे गए नक्सलियों की पहचान

मारे गए नक्सलियों की पहचान राजेश यादव (इनामी राशि: 10 लाख रुपये) और लालेश्वर महतो (इनामी राशि: 5 लाख रुपये) के रूप में हुई है। दोनों नक्सली कई वर्षों से झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ की सीमाओं पर सक्रिय थे और उन पर हत्या, फिरौती, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसे गंभीर आरोप थे।

नक्सली नेटवर्क को बड़ा झटका

झारखंड पुलिस का मानना है कि यह कार्रवाई नक्सल नेटवर्क को एक बड़ा झटका है। पुलिस महानिरीक्षक (IG) ने कहा कि यह ऑपरेशन राज्य सरकार की “नक्सल मुक्त झारखंड” नीति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने यह भी बताया कि घायल नक्सली से पूछताछ की जा रही है, जिससे कई अहम सुराग मिलने की उम्मीद है।

स्थानीय लोगों ने ली राहत की सांस

इस मुठभेड़ के बाद इलाके में डर का माहौल कुछ कम हुआ है। स्थानीय ग्रामीणों ने सुरक्षाबलों की कार्रवाई की सराहना की और कहा कि वर्षों से वे नक्सलियों के डर में जी रहे थे। अब उन्हें उम्मीद है कि प्रशासन इलाके में स्थायी शांति बहाल करेगा।

अभी भी जारी है ऑपरेशन

हालांकि मुठभेड़ खत्म हो चुकी है, लेकिन सुरक्षाबलों का ऑपरेशन अभी भी जारी है। आस-पास के जंगलों में सर्च ऑपरेशन चल रहा है ताकि किसी भी छिपे हुए नक्सली को पकड़ा जा सके या मुठभेड़ में शामिल अन्य सदस्य भाग न सकें।

लातेहार की यह घटना साबित करती है कि झारखंड में नक्सलवाद अब अंतिम सांसें गिन रहा है। सुरक्षाबलों की रणनीतिक कार्यशैली और साहसिक कार्रवाइयों से यह स्पष्ट है कि अब राज्य सरकार नक्सलियों को कोई रियायत देने के मूड में नहीं है। इस तरह की कार्रवाइयों से न केवल अपराधियों में डर पैदा होता है, बल्कि आम जनता को भी राहत और सुरक्षा का अनुभव होता है।

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