नई दिल्ली :- भारत द्वारा हाल ही में किए गए “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद पाकिस्तान में सियासी और सैन्य हलकों में घबराहट साफ देखी जा रही है। इस सैन्य कार्रवाई ने पाकिस्तान के सुरक्षा ढांचे की वास्तविक स्थिति को बेनकाब कर दिया है। अब अपनी नाकामी पर परदा डालने के लिए पाकिस्तान के नेता और सैन्य अधिकारी लगातार बेबुनियाद दावे कर रहे हैं, ताकि अपनी जनता को भ्रमित किया जा सके और मानसिक तौर पर उन्हें “जीत” का एहसास कराया जा सके।
बयानबाजी से चल रही ‘मनोवैज्ञानिक जंग’
पाकिस्तानी मीडिया और सेना से जुड़े कई प्रवक्ताओं ने हाल ही में दावा किया है कि उन्होंने भारतीय सेना को “पीछे हटने” पर मजबूर कर दिया और “कई रणनीतिक ठिकानों” पर कब्जा कर लिया है। जबकि जमीनी सच्चाई इससे बिल्कुल अलग है। भारत के रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किए गए सैटेलाइट चित्र, वीडियो फुटेज और विश्लेषण इन दावों को पूरी तरह खारिज करते हैं।
भारतीय सेना के प्रवक्ता ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “ऑपरेशन सिंदूर पूरी तरह सफल रहा है। हमने सीमापार की गई आतंकी गतिविधियों को निशाना बनाया और आतंकवादियों के लॉन्च पैड्स को तबाह किया। इस दौरान हमारी सेना को कोई रणनीतिक नुकसान नहीं हुआ है।”
भारत ने पेश किए सबूत
जहां पाकिस्तान महज शब्दों के जरिए झूठी कहानी गढ़ रहा है, वहीं भारत ने ठोस सबूतों के साथ अपनी कार्रवाई की सच्चाई दुनिया के सामने रखी है। थर्मल इमेजिंग, ड्रोन फुटेज और सैटेलाइट डेटा के माध्यम से यह दिखाया गया कि ऑपरेशन के दौरान कितनी सटीकता से आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाया गया।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र समेत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी यह मुद्दा उठाया है, जिससे पाकिस्तान की पोल खुलती जा रही है। अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों ने भी भारत के दृष्टिकोण को अधिक यथार्थपूर्ण और तथ्यों पर आधारित बताया है।
अंदरूनी दबाव में पाक नेतृत्व
पाकिस्तान की सेना और नेता इस समय घरेलू दबाव में हैं। महंगाई, बेरोजगारी और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रही जनता का ध्यान भटकाने के लिए ‘राष्ट्रवाद’ की भावना को हवा दी जा रही है।