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ज्योति मल्होत्रा केस: ‘मेरी शादी पाकिस्तान में करवा दो’ – व्हाट्सएप चैट से खुले जासूसी नेटवर्क के सुराग

नई दिल्ली :- पाकिस्तान के लिए कथित जासूसी के आरोप में गिरफ्तार की गई यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा का मामला दिन-ब-दिन और गंभीर होता जा रहा है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और मिलिट्री इंटेलिजेंस (MI) की संयुक्त जांच में एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। आरोपी फिलहाल 5 दिन की पुलिस रिमांड पर है और उससे लगातार पूछताछ जारी है।

ताजा अपडेट में पुलिस ने उसकी व्हाट्सएप चैट्स की जांच के बाद कुछ ऐसे संदेशों का हवाला दिया है, जिन्होंने जांच एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। बताया जा रहा है कि एक चैट में उसने कथित तौर पर लिखा था, “मेरी शादी पाकिस्तान में करवा दो।” यह वाक्य केवल एक निजी भावना नहीं बल्कि एक गहरे षड्यंत्र की ओर इशारा करता है। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यह चैट उसके पाकिस्तानी हैंडलर्स से संपर्क का संकेत है और यह मामला एक सुनियोजित नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है।

ज्योति मल्होत्रा, जो एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और यूट्यूबर के रूप में पहचान रखती है, लंबे समय से भारतीय सेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां इकट्ठा कर रही थी, ऐसा शक जताया जा रहा है। जांचकर्ताओं को शक है कि उसने सेना की गतिविधियों, कैंट एरिया की तस्वीरें और सीमावर्ती इलाकों से जुड़े विवरण पाकिस्तानी एजेंसियों तक पहुंचाए। शुरुआती जांच में पाया गया कि वह सोशल मीडिया के ज़रिए फर्जी प्रोफाइल्स बनाकर भारतीय सेना के जवानों से संपर्क करती थी और विश्वास में लेकर उनसे अहम जानकारी निकालने की कोशिश करती थी।

पुलिस ने जब उसके मोबाइल, लैपटॉप और सोशल मीडिया अकाउंट्स की गहन जांच की, तो कई ऐसे स्क्रीनशॉट, ऑडियो क्लिप और दस्तावेज मिले जो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकते थे। इसके अलावा, उसके बैंक खातों और डिजिटल वॉलेट्स में विदेश से संदिग्ध लेन-देन के भी सबूत मिले हैं।

इस पूरे प्रकरण ने सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म्स पर भी बहस छेड़ दी है कि कैसे डिजिटल युग में दिखावटी प्रोफाइल और वायरल कंटेंट के पीछे बड़े खतरे छिपे हो सकते हैं। सामान्य दिखने वाली एक यूट्यूबर कैसे जासूसी नेटवर्क का हिस्सा बन सकती है, यह न केवल चौकाने वाला है बल्कि हमारे साइबर-सुरक्षा तंत्र पर भी सवाल उठाता है।

वहीं, कानून प्रवर्तन एजेंसियां इस केस को एक मॉडल केस की तरह देख रही हैं, ताकि भविष्य में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए होने वाले जासूसी नेटवर्क को समय रहते पकड़कर तोड़ा जा सके। आने वाले दिनों में NIA और MI की जांच के बाद और भी बड़े खुलासों की उम्मीद जताई जा रही है।

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