दोहा:- रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने बुधवार को कतर की राजधानी दोहा में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। यह बैठक वैश्विक आर्थिक परिदृश्य, ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग और व्यापारिक साझेदारियों को लेकर काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें वैश्विक ऊर्जा बाजार में चल रही चुनौतियां, भारत-अमेरिका व्यापार संबंध और भविष्य में संभावित निवेश अवसरों पर विचार किया गया। सूत्रों के अनुसार, यह बैठक दोहा में आयोजित एक निजी समारोह के दौरान हुई थी, जिसमें विश्व भर के कई प्रमुख उद्योगपति और राजनयिक मौजूद थे।
मुकेश अंबानी, जो भारत के सबसे बड़े कारोबारी समूह रिलायंस इंडस्ट्रीज का नेतृत्व कर रहे हैं, हाल के वर्षों में ऊर्जा, टेलीकॉम, टेक्नोलॉजी और खुदरा कारोबार में बड़े स्तर पर निवेश कर चुके हैं। वहीं डोनाल्ड ट्रंप, जो अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति रह चुके हैं, फिर से 2024 के चुनावों में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं और वैश्विक मंचों पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराते रहते हैं बैठक के दौरान अंबानी और ट्रंप के बीच ऊर्जा क्षेत्र में साझेदारी को लेकर खास बातचीत हुई। यह माना जा रहा है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज, जो परंपरागत ऊर्जा के साथ-साथ ग्रीन एनर्जी सेक्टर में भी तेजी से विस्तार कर रही है, अमेरिका की कुछ कंपनियों के साथ मिलकर नई परियोजनाओं पर काम कर सकती है। दोनों देशों के व्यापारिक हितों को ध्यान में रखते हुए यह बैठक भविष्य के निवेश मार्ग को और मजबूत कर सकती है।
हालांकि, बैठक की कोई आधिकारिक जानकारी रिलायंस इंडस्ट्रीज या ट्रंप की ओर से साझा नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि बातचीत सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई और इसमें परस्पर सहयोग के अनेक आयामों पर विमर्श किया गया गौरतलब है कि मुकेश अंबानी विश्व के सबसे अमीर व्यक्तियों में गिने जाते हैं और उनके नेतृत्व में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने वैश्विक व्यापार में भारत की भागीदारी को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया है। वहीं, डोनाल्ड ट्रंप अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान भी भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को लेकर सकारात्मक रुख अपनाते रहे हैं।
यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब भारत और अमेरिका के रिश्ते आर्थिक और रणनीतिक दृष्टि से लगातार प्रगाढ़ हो रहे हैं। इस बैठक को दोनों देशों के उद्योग जगत के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है विश्व मंच पर भारत के उद्योगपतियों की बढ़ती भूमिका और वैश्विक नेताओं के साथ उनकी बातचीत आने वाले समय में भारत की अर्थव्यवस्था को और मजबूती प्रदान कर सकती है।