सांबा(जम्मू-कश्मीर):- सीमा पर हालात सामान्य होते ही सांबा ज़िले में एक बार फिर से स्कूलों के द्वार छात्रों के लिए खोल दिए गए हैं। लंबे समय तक असुरक्षा और तनाव के माहौल के कारण बंद पड़े स्कूलों में अब बच्चों की चहल-पहल लौट आई है। अभिभावकों और छात्रों ने राहत की सांस ली है और सेना के योगदान के लिए आभार व्यक्त किया है।
पिछले कुछ समय से भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में तनाव बना हुआ है। सीमावर्ती इलाकों में कई बार फायरिंग और ड्रोन हमलों की घटनाएं सामने आईं, जिससे आम नागरिकों के जीवन पर प्रभाव पड़ा। सांबा ज़िले के भी कई क्षेत्रों में सुरक्षा की दृष्टि से स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा था। हालांकि, भारतीय सेना की तत्परता और सुरक्षा प्रबंधन के कारण किसी बड़े नुकसान को समय रहते टाल दिया गया।
विजयपुर के सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय की छात्रा अपूर्वा ने सेना के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा,
“जैसा कि हम सब जानते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच हालात कुछ समय से ठीक नहीं थे। हमने देखा कि यहां पर हमले हुए, ड्रोन अटैक हुए, लेकिन हमारी सेना ने बड़े पैमाने पर नुकसान होने से हमें बचाया। मैं सेना के उन सभी जवानों का धन्यवाद करती हूं जिन्होंने हमें सुरक्षा दी। उन्होंने हमें हमारे घरों के अंदर सुरक्षित रखा और हमें डर नहीं लगा।”
अपूर्वा जैसे कई छात्रों ने यह भी बताया कि वे स्कूल दोबारा खुलने से काफी खुश हैं और पढ़ाई को लेकर उत्साहित हैं। बंद के दौरान ऑनलाइन शिक्षा का विकल्प जरूर मौजूद था, लेकिन सीमावर्ती क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्याओं ने छात्रों की पढ़ाई को प्रभावित किया।
विद्यालय प्रशासन ने भी छात्रों की वापसी के लिए सभी आवश्यक तैयारियां की हैं। सुरक्षा के दृष्टिकोण से स्कूल परिसर में विशेष प्रबंध किए गए हैं और जिला प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए है।
सांबा जिला शिक्षा अधिकारी ने जानकारी दी कि, “अब जबकि स्थिति शांतिपूर्ण है, हमने सभी स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से खोलने का निर्णय लिया है। छात्रों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है और इसके लिए स्थानीय पुलिस और सेना का भी सहयोग लिया जा रहा है।”
स्थानीय लोगों का कहना है कि वे सेना की वजह से ही खुद को सुरक्षित महसूस कर पा रहे हैं। उनके अनुसार, सेना की सतर्कता और समय रहते कार्रवाई ने संभावित खतरे को टाल दिया।
समग्र रूप से देखा जाए तो सीमावर्ती इलाके में एक बार फिर सामान्य जनजीवन पटरी पर लौट रहा है। स्कूलों का खुलना इस बात का संकेत है कि प्रशासन और सुरक्षा बल मिलकर आम नागरिकों की जिंदगी को सुरक्षित और सामान्य बनाने की दिशा में सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहे हैं। छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों में भी उम्मीद की नई किरण दिखाई दे रही है।