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कतर के ‘शाही तोहफे’ से मचा हड़कंप: ट्रंप को मिलने वाले बोइंग 747 विमान को लेकर क्यों चिंतित हैं अमेरिकी विशेषज्ञ?

वाशिंगटन :- निया की राजनीति में तोहफों का अपना अलग महत्व होता है, लेकिन जब बात अरब देशों की हो और सामने अमेरिका जैसा महाशक्ति हो, तो हर एक कदम के मायने और भी गहरे हो जाते हैं। इन दिनों अमेरिकी राजनीतिक गलियारों में एक चर्चा तेजी से गर्म है—कतर की ओर से अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मिलने वाला ‘शाही तोहफा’। बताया जा रहा है कि कतर सरकार ट्रंप को करीब 3400 करोड़ रुपये मूल्य का एक लग्जरी बोइंग 747 विमान गिफ्ट करने की तैयारी कर रही है।

लेकिन सवाल उठता है कि आखिर एक विमान के गिफ्ट से अमेरिका के सुरक्षा विशेषज्ञों में इतनी बेचैनी क्यों है?

विमान में क्या है खास?

जिस बोइंग 747 विमान की बात हो रही है, वह कोई आम विमान नहीं है। यह वीवीआईपी के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया विमान है, जिसमें राष्ट्रपति स्तर की सुरक्षा, संचार प्रणाली और निजी लग्जरी सुविधाएं मौजूद हैं। इसमें बेडरूम, मीटिंग रूम, प्रेस कॉन्फ्रेंस एरिया और अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित कॉकपिट शामिल है। कहा जा रहा है कि विमान की इंटीरियर डिजाइन में सोने-चांदी का उपयोग हुआ है, और इसे ‘उड़ता हुआ महल’ कहा जा सकता है।

क्यों चिंतित हैं अमेरिकी विशेषज्ञ?

अमेरिका के खुफिया और सुरक्षा विशेषज्ञों को सबसे अधिक चिंता इस बात की है कि कहीं यह तोहफा राजनयिक दखल या साइबर जासूसी का माध्यम न बन जाए। एक तोहफे के रूप में इतने महंगे और तकनीकी रूप से सक्षम विमान का मिलना, विदेशी सरकार की ओर से किसी पूर्व राष्ट्रपति को प्रभावित करने की कोशिश के तौर पर देखा जा सकता है।

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि विमान में ऐसी तकनीक हो सकती है, जो डेटा ट्रैकिंग या जासूसी के लिए उपयोग में लाई जा सके। अगर ट्रंप इसे निजी यात्रा या भविष्य के चुनावी प्रचार के लिए उपयोग करते हैं, तो यह अमेरिकी संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक खतरा बन सकता है।

राजनीतिक नतीजे और नैतिक सवाल

अमेरिकी नीति के अनुसार, कोई भी पूर्व या वर्तमान सरकारी अधिकारी किसी भी विदेशी सरकार से महंगे तोहफे नहीं ले सकता।

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