मुंबई(महाराष्ट्र):- भारत में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) पेमेंट्स में एक अस्थायी तकनीकी खराबी की खबर है, जिसे अब ठीक कर लिया गया है। इस खराबी के कारण कुछ समय के लिए यूपीआई लेनदेन प्रभावित हुए थे, लेकिन अब सेवा सभी ऐप्स पर सामान्य रूप से काम कर रही है।
यूपीआई की विश्वसनीयता
यूपीआई भारत की रीयल-टाइम पेमेंट्स प्रणाली है, जिसकी विश्वसनीयता और कार्यक्षमता को बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) निरंतर प्रयासरत है। एनपीसीआई ने कहा है कि यूपीआई की कार्यक्षमता हर महीने 99% से अधिक रही है, जो इसकी उच्च विश्वसनीयता को दर्शाता है।
तकनीकी खराबी के कारण
हालांकि, कुछ समय के लिए यूपीआई लेनदेन में तकनीकी खराबी आई, जिसे एनपीसीआई ने “अंतरिम तकनीकी मुद्दों” के कारण बताया है। इस खराबी के कारण कुछ उपयोगकर्ताओं को लेनदेन में परेशानी का सामना करना पड़ा, लेकिन अब सेवा सामान्य हो गई है।
यूपीआई बाजार में प्रतिस्पर्धा
यूपीआई बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए एनपीसीआई ने नए खिलाड़ियों को लाइसेंस जारी किए हैं। इससे बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और उपयोगकर्ताओं को बेहतर सेवाएं मिलेंगी। वर्तमान में, फोनपे और गूगल पे का यूपीआई बाजार में दबदबा है, लेकिन एनपीसीआई का उद्देश्य बाजार को अधिक संतुलित बनाना है।
मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर)
यूपीआई लेनदेन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) को लागू करने की मांग उठाई गई है। इससे बड़े व्यापारियों को लेनदेन के लिए शुल्क देना होगा, जो यूपीआई सेवाओं के लिए राजस्व का एक स्रोत हो सकता है। हालांकि, इस प्रस्ताव पर अभी विचार किया जा रहा है और इसके लागू होने से छोटे व्यापारियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यूपीआई पेमेंट्स में तकनीकी खराबी को अब ठीक कर लिया गया है और सेवा सामान्य हो गई है। एनपीसीआई निरंतर यूपीआई की विश्वसनीयता और कार्यक्षमता को बनाए रखने के लिए काम कर रहा है। यूपीआई बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और एमडीआर को लागू करने के प्रयासों से उपयोगकर्ताओं को बेहतर सेवाएं मिलेंगी और यूपीआई प्रणाली और भी मजबूत होगी।