अमेरिका : एच-1बी वीजा पर कई तकनीकी कर्मचारी जिनमें हजारों भारतीय भी शामिल हैं, वो अमेरिका में अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं। ट्रंप की आव्रजन नीतियों के लगातार सख्त होते जाने के साथ गूगल और अमेजन जैसी तकनीकी मेगा-कॉरपोरेशन अपने एच-1बी कर्मचारियों से देश न छोड़ने का आग्रह कर रही हैं, ताकि उन्हें फिर से प्रवेश से वंचित न किया जाए।
एक रिपोर्ट के अनुसार अगर ट्रंप व्हाइट हाउस में वापस आते हैं तो वीजा अस्वीकृति दर बढ़ सकती है। अमेरिका में पैदा हुए बच्चों के लिए स्वचालित नागरिकता को कम करने के उनके प्रयास को लेकर भी चिंता है, कई अप्रवासी अपने परिवार के भाग्य को लेकर चिंतित हैं।
एच-1बी वीजा कार्यक्रम अमेरिकी कंपनियों को अत्यधिक कुशल विदेशी कर्मचारियों को रोजगार देने में सक्षम बनाता है और उन्हें हर साल किसी भी राष्ट्रीयता के मुकाबले सबसे अधिक वीजा जारी किए जाते हैं। माइक्रोसॉफ्ट, गूगल और एनवीडिया जैसी शीर्ष कंपनियों का नेतृत्व अप्रवासी अधिकारी कर रहे हैं और सिलिकॉन वैली अप्रवासी प्रतिभाओं पर फल-फूल रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि एच-1बी वीजा पर प्रतिबंध लगाने से तकनीकी नवाचार, खासकर एआई जैसे क्षेत्रों में चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करने की अमेरिका की क्षमता को नुकसान पहुंचने की संभावना है। वकीलों का कहना है कि अप्रवासी तकनीकी कर्मचारी डर और घबराहट से घिरे हुए हैं। जैसे-जैसे नीतियां बदलती हैं, हजारों लोगों के लिए भविष्य अस्पष्ट होता जाता है।