अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) : यह उस व्यक्ति की तरह है जो अपना बिजली बिल नहीं चुका पाता और उसे बताया जाता है कि उस पर ₹11 करोड़ का टैक्स बकाया है। अलीगढ़ में एक फैक्ट्री में काम करने वाले योगेश शर्मा का अनुभव भी कुछ ऐसा ही था जो अपना घर किराए पर देता है और एक हफ़्ते से बिजली नहीं खरीद पा रहा है। इससे भी बदतर बात यह है कि उसकी पत्नी टीबी से जूझ रही है और उसे यह खतरनाक नोटिस मिलने के बाद तनाव के कारण कई बार खाना भी नहीं मिल पाया है।
वह अकेला नहीं है। खुद को सफाईकर्मी बताने वाले करण कुमार, जो हर महीने सिर्फ़ ₹15,000 कमाते हैं, उनको भी ₹33.89 करोड़ का आयकर नोटिस मिला है। जूस बेचने वाले मोहम्मद रईस को ₹7.8 करोड़ का टैक्स डिमांड का सामना करना पड़ा। तीनों का मानना है कि उनके आधार और पैन विवरण का दुरुपयोग किया गया है।
रईस ने इस हास्यास्पद मांग से घबराते हुए कहा, “अगर मेरे पास इतना पैसा होता, तो क्या मैं अभी भी जूस बेच रहा होता?” उनके मामले एक भयानक वास्तविकता को रेखांकित करते हैं। पहचान की चोरी से अनजान पीड़ितों के जीवन में तबाही मच सकती है।
स्थिति अस्वीकार्य है और अधिकारियों को तुरंत जांच करनी चाहिए और आम नागरिकों को इस तरह की परेशान करने वाली स्थिति का सामना करने से बचाना चाहिए।