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बीमा पर जीएसटी राहत की संभावना प्रबल, आईआरडीएआई की सहमति; अप्रैल में जीओएम की बैठक

नई दिल्ली:- आम आदमी के लिए राहत की खबर है। बीमा उत्पादों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कमी की संभावना प्रबल हो गई है। भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी है जिससे सरकार के लिए इस दिशा में आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। वित्त मंत्रालय द्वारा गठित मंत्रियों का समूह (जीओएम) अप्रैल में इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लेने के लिए बैठक करेगा।

वर्तमान में जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा और सामान्य बीमा जैसे विभिन्न बीमा उत्पादों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू है। यह उच्च दर बीमा उत्पादों को आम आदमी के लिए महंगा बनाती है जिससे बीमा कवरेज का दायरा सीमित हो जाता है। विशेष रूप से स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा जैसी आवश्यक सेवाओं पर उच्च कर का बोझ उपभोक्ताओं पर भारी पड़ता है।

आईआरडीएआई की सहमति महत्वपूर्ण कदम:

आईआरडीएआई की सहमति इस मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण मोड़ है। नियामक संस्था ने सरकार को अपनी रिपोर्ट में बीमा उत्पादों पर जीएसटी की दर को कम करने की सिफारिश की है। आईआरडीएआई का मानना है कि जीएसटी में कमी से बीमा उत्पादों की पहुंच बढ़ेगी और अधिक लोग बीमा सुरक्षा के दायरे में आएंगे।

जीओएम की बैठक में होगा अंतिम निर्णय:

वित्त मंत्रालय द्वारा गठित मंत्रियों का समूह (जीओएम) अप्रैल में इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लेगा। जीओएम में विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं जो इस मुद्दे पर व्यापक विचार-विमर्श करेंगे। जीओएम की सिफारिशों के आधार पर जीएसटी परिषद अंतिम निर्णय लेगी।

जीएसटी राहत के संभावित लाभ:

– बीमा उत्पादों की पहुंच में वृद्धि: जीएसटी में कमी से बीमा उत्पाद सस्ते होंगे जिससे आम आदमी के लिए इन्हें खरीदना आसान हो जाएगा।

– बीमा कवरेज का विस्तार: अधिक लोग बीमा सुरक्षा के दायरे में आएंगे जिससे देश में बीमा कवरेज का विस्तार होगा।

– स्वास्थ्य और जीवन सुरक्षा में सुधार: स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा पर जीएसटी में कमी से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य और जीवन सुरक्षा मिलेगी।

– अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन: बीमा क्षेत्र के विकास से अर्थव्यवस्था को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

विभिन्न हितधारकों की राय:

बीमा उद्योग के विशेषज्ञों और उपभोक्ता संगठनों ने भी बीमा उत्पादों पर जीएसटी में कमी की मांग की है। उनका मानना है कि यह कदम आम आदमी के हित में होगा और बीमा क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देगा।

सरकार का दृष्टिकोण:

सरकार भी बीमा उत्पादों पर जीएसटी में कमी के प्रति सकारात्मक रुख दिखा रही है। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि सरकार आम आदमी को राहत देने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में उचित कदम उठाए जाएंगे।

चुनावी वर्ष में आम जनता के लिए राहत:

यह कदम चुनावी वर्ष में आम जनता के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा। सरकार का यह कदम आम जनता के लिए एक सकारात्मक संकेत है जो यह दर्शाता है कि सरकार उनकी आर्थिक जरूरतों के प्रति संवेदनशील है।

विशेषज्ञों का मत:

कई अर्थशास्त्रियों का मानना है कि बीमा क्षेत्र में जीएसटी की दर को कम करने से, देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। बीमा क्षेत्र, देश के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, और इसमें किसी भी प्रकार की वृद्धि से, अर्थव्यवस्था को सीधा लाभ मिलेगा।

आगे की राह:

अप्रैल में होने वाली जीओएम की बैठक में, विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्री इस मुद्दे पर गहन चर्चा करेंगे। उम्मीद है कि जीओएम की सिफारिशों के आधार पर, जीएसटी परिषद बीमा उत्पादों पर जीएसटी की दर को कम करने का निर्णय लेगी। यह कदम न केवल आम आदमी के लिए राहत लाएगा, बल्कि देश के बीमा क्षेत्र के विकास को भी गति देगा।

बीमा उत्पादों पर जीएसटी में कमी की संभावना प्रबल हो गई है। आईआरडीएआई की सहमति और सरकार के सकारात्मक रुख से यह उम्मीद बंधती है कि जल्द ही आम आदमी को इस महत्वपूर्ण राहत का लाभ मिलेगा। यह कदम देश में बीमा कवरेज को बढ़ाने और लोगों को बेहतर वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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