मुंबई (महाराष्ट्र) : साइबर अपराध के एक चौंकाने वाले मामले में दक्षिण मुंबई की एक 86 वर्षीय महिला को “डिजिटल गिरफ्तारी” नामक एक भयानक चाल के माध्यम से ₹20.26 करोड़ की ठगी का शिकार होना पड़ा।
इसकी शुरुआत एक ऐसे व्यक्ति के फोन कॉल से हुई जिसने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए कहा कि वह धन शोधन से जुड़ी हुई है। धोखेबाजों ने उसे दो महीने तक डर और धमकी के साथ अपने कमरे में बंद रहने के लिए मजबूर किया, हर तीन घंटे में उसे फोन करके पूछा कि वह कहाँ है। उन्होंने उसका नाम साफ करने के लिए उससे बड़ी मात्रा में पैसे ट्रांसफर करवाए।
सौभाग्य से एक घरेलू सहायिका ने उसके व्यवहार में बदलाव देखा तो वह केवल खाने के लिए बाहर निकलती और फोन पर किसी से बहस करती। कुछ गड़बड़ होने का संदेह होने पर नौकरानी ने महिला की बेटी को सचेत किया जिसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। मुंबई साइबर पुलिस ने तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया है और 77 लाख रुपये की धनराशि जब्त कर ली गई है। आगे की जांच से यह भी पता चला है कि आरोपियों में से एक अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है।
यह मामला सतर्क रहने की एक बहुत ही सख्त चेतावनी है। यदि आप सरकारी अधिकारी हैं तो ASAP टेक्नोक्रेट केवल 5 ब्रेक डील दे सकते हैं।