Dastak Hindustan

भारत की ऊर्जा दक्षता में तेजी से सुधार: आरबीआई अध्ययन

नई दिल्ली:- भारत ने ऊर्जा दक्षता में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है जिससे देश की ऊर्जा सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन के प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा। एक हालिया आरबीआई अध्ययन के अनुसार भारत की ऊर्जा दक्षता में सुधार की दर 2000 से 2023 के बीच ब्रिक्स और वैश्विक औसत से अधिक रही है।

ऊर्जा दक्षता में सुधार के प्रमुख क्षेत्र

भारत की ऊर्जा दक्षता में सुधार के प्रमुख क्षेत्रों में शामिल हैं:

– उद्योगों में ऊर्जा दक्षता: भारत के उद्योगों में ऊर्जा दक्षता में सुधार के लिए कई पहल की गई हैं। इनमें ऊर्जा-कुशल प्रौद्योगिकियों को अपनाना, ऊर्जा ऑडिट करना और ऊर्जा प्रबंधन प्रणालियों को लागू करना शामिल है।

– वाहनों में ऊर्जा दक्षता: भारत में वाहनों में ऊर्जा दक्षता में सुधार के लिए कई नीतियों और कार्यक्रमों को लागू किया गया है। इनमें ईंधन दक्षता मानकों, इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना और वाहनों के लिए ऊर्जा-कुशल प्रौद्योगिकियों को विकसित करना शामिल है।

– भवनों में ऊर्जा दक्षता: भारत में भवनों में ऊर्जा दक्षता में सुधार के लिए कई पहल की गई हैं। इनमें ऊर्जा-कुशल भवन डिजाइन, ऊर्जा-कुशल उपकरणों का उपयोग और भवनों में ऊर्जा प्रबंधन प्रणालियों को लागू करना शामिल है।

ऊर्जा दक्षता में सुधार के लाभ

भारत की ऊर्जा दक्षता में सुधार के कई लाभ हैं:

– ऊर्जा सुरक्षा: ऊर्जा दक्षता में सुधार से भारत की ऊर्जा सुरक्षा में सुधार होगा।

– जलवायु परिवर्तन: ऊर्जा दक्षता में सुधार से जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में मदद मिलेगी।

– आर्थिक लाभ: ऊर्जा दक्षता में सुधार से भारत की अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।

– पर्यावरण संरक्षण: ऊर्जा दक्षता में सुधार से पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी।

भारत की ऊर्जा दक्षता में सुधार की दर 2000 से 2023 के बीच ब्रिक्स और वैश्विक औसत से अधिक रही है। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है जो भारत की ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन के प्रयासों और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी।

शेयर करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *