कानपुर (उत्तर प्रदेश): आईआईटी कानपुर की शोध छात्रा से यौन शोषण के आरोपी एसीपी मोहसिन खान को सस्पेंड कर दिया गया है लेकिन पीड़िता अब भी 20 मार्च की तारीख को लेकर डरी हुई है। इसी दिन हाईकोर्ट में यह तय होगा कि मोहसिन खान की गिरफ्तारी और चार्जशीट दाखिल करने पर लगी रोक जारी रहेगी या हट जाएगी।
पीड़िता का आरोप: शादी का झांसा देकर किया यौन शोषण
पीड़िता के अनुसार एसीपी मोहसिन खान आईआईटी में साइबर क्राइम और क्रिमिनोलॉजी की पढ़ाई कर रहे थे तभी उनकी दोस्ती छात्रा से हुई। आरोप है कि मोहसिन ने शादी का झांसा देकर यौन संबंध बनाए लेकिन बाद में पता चला कि वह पहले से शादीशुदा हैं। जब छात्रा को सच्चाई पता चली तो उसने कानपुर पुलिस कमिश्नर से शिकायत की जिसके बाद एफआईआर दर्ज हुई।
हाईकोर्ट से मिली थी राहत
एफआईआर के बाद एसीपी मोहसिन खान हाईकोर्ट चले गए जहां से उन्हें गिरफ्तारी और चार्जशीट दाखिल करने पर अंतरिम रोक मिल गई। इसके बाद पीड़िता ने डीजीपी को मेल कर मोहसिन को कम से कम सस्पेंड करने की मांग की।
सस्पेंड हुआ एसीपी, लेकिन पीड़िता को डर
एसआईटी जांच के बाद लखनऊ मुख्यालय ने एसीपी मोहसिन खान को सस्पेंड कर दिया और मुख्यालय से अटैच कर दिया। लेकिन पीड़िता का कहना है कि उसे सिर्फ सस्पेंड नहीं बल्कि बर्खास्त किया जाना चाहिए था।
20 मार्च: फैसला तय करेगा भविष्य
अब 20 मार्च को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी जिसमें यह तय होगा कि गिरफ्तारी और चार्जशीट दाखिल करने की रोक जारी रहेगी या हट जाएगी। अगर रोक हटी तो पुलिस मोहसिन खान को गिरफ्तार कर सकेगी लेकिन अगर यह रोक जारी रही तो आरोपी को राहत मिल सकती है।
पीड़िता खुद हाईकोर्ट में मौजूद रह सकती है क्योंकि उसे डर है कि मोहसिन खान अपने रसूख का फायदा उठाकर फिर से बच सकता है। अब सबकी नजरें 20 मार्च के फैसले पर टिकी हैं।