गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश राज्य कर विभाग के डिप्टी कमिश्नर संजय सिंह की आत्महत्या के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। सोमवार को उन्होंने हाईराइज सोसाइटी की 15वीं मंजिल से कूदकर जान दे दी। परिवार का आरोप है कि विभागीय प्रताड़ना और अतिरिक्त काम के दबाव के कारण उन्होंने यह कदम उठाया।
800 अफसरों ने छोड़ा स्टेट टैक्स ग्रुप
इस घटना के बाद राज्य कर विभाग के 800 अधिकारियों ने स्टेट टैक्स व्हाट्सएप ग्रुप छोड़ दिया। इस ग्रुप में 900 अधिकारी जुड़े थे और यहीं से सभी दिशा-निर्देश दिए जाते थे। अधिकारियों ने अनुचित दबाव और तनावपूर्ण माहौल का हवाला देते हुए यह कदम उठाया।
काला फीता बांधकर करेंगे विरोध
GST ऑफीसर सर्विस एसोसिएशन और उत्तर प्रदेश वाणिज्य कर अधिकारी संघ ने बैठक कर निर्णय लिया कि कोई भी अधिकारी स्टेट टैक्स ग्रुप में नहीं रहेगा। साथ ही काला फीता बांधकर विरोध दर्ज करेंगे।
परिवार का आरोप: विभागीय प्रताड़ना से दुखी थे संजय
संजय सिंह के बड़े भाई धनंजय सिंह ने बताया कि संजय अगले साल रिटायर होने वाले थे। लेकिन पिछले एक साल से अत्यधिक कार्यभार और विभागीय हस्तक्षेप के कारण वह डिप्रेशन में थे।
कैंसर से पूरी तरह ठीक थे संजय
परिवार ने कैंसर की वजह से डिप्रेशन की बात को गलत बताया। 14 नवंबर 2024 की मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार संजय पूरी तरह ठीक हो चुके थे। उनका कहना है कि यह अफवाह सिर्फ विभागीय अधिकारियों को बचाने की साजिश है।
मुख्य सचिव से मुलाकात की तैयारी
राज्य कर विभाग के तीन संगठनों ने मुख्य सचिव से मुलाकात कर समस्याएं रखने का फैसला किया है। संगठनों ने संजय सिंह के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि विभाग में प्रताड़ना का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ चुका है जिससे कर्मचारी स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर पा रहे हैं।
परिवार ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग
परिवार का कहना है कि संजय आत्महत्या जैसा कदम उठाने वाले इंसान नहीं थे। उन्हें इस हद तक प्रताड़ित किया गया कि उन्होंने जान दे दी। परिवार ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है ताकि सच सामने आ सके।