गाजियाबाद: साइबर क्राइम थाना पुलिस ने वाहनों की फर्जी बीमा पॉलिसी तैयार कर 18 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है जबकि गिरोह का मास्टरमाइंड रोहित फरार है।
फर्जी बीमा पॉलिसी से बड़ा घोटाला
आईसीआईसीआई लोंबार्ड कंपनी के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट संजय ठाकुर की शिकायत पर साइबर क्राइम थाने में दो दिन पहले मामला दर्ज किया गया था। जांच में पता चला कि गिरोह ने करीब 12 हजार फर्जी बीमा पॉलिसी जारी की थीं जिससे बीमा कंपनियों को करोड़ों का नुकसान हुआ।
गिरफ्तार हुए आरोपी
पुलिस ने रिछपालपुरी निवासी विकास कश्यप हापुड़ के पारपा निवासी आकाश सिसौदिया मुरादाबाद के चक्कर की मिलक निवासी याकूब और आरिफ को गिरफ्तार किया है। आकाश सिसौदिया इस गिरोह का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है जबकि उसका भाई रोहित फरार है।
कैसे करते थे फर्जीवाड़ा?
1. बड़ी छूट का झांसा: गिरोह चारपहिया वाहनों का बीमा 10-20% छूट देने का लालच देकर ग्राहकों को फंसाता था।
2. कागजों में हेरफेर: कंपनी के ऐप पर चारपहिया वाहनों को दोपहिया दिखाया जाता था जिससे बीमा प्रीमियम 10-15 हजार रुपये की बजाय सिर्फ 1-1.5 हजार रुपये देना पड़ता था।
3. ग्राहकों को भी फायदा: इस जालसाजी में वाहन मालिकों को भी कुछ छूट मिलती थी इसलिए वे कोई आपत्ति नहीं जताते थे।
4. पुलिस चेकिंग में पकड़ा नहीं जाता: वाहन बीमित तो दिखता था लेकिन असल में कंपनी को बड़ा नुकसान हो रहा था।
कोर्ट के समन से हुआ खुलासा
आईसीआईसीआई लोंबार्ड को एक ट्रक दुर्घटना के मामले में मोटर वाहन दुर्घटना क्लेम ट्रिब्यूनल से नोटिस मिला। जब रिकॉर्ड चेक किया गया तो पता चला कि ट्रक का बीमा असल में दोपहिया वाहन के रूप में दर्ज था। इसके बाद कंपनी ने जांच शुरू की जिससे 12,000 फर्जी बीमा पॉलिसी का खुलासा हुआ।
पुलिस जांच जारी
पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है और फर्जी बीमा पॉलिसियों की गहन जांच की जा रही है। जल्द ही अन्य दोषियों की गिरफ्तारी भी हो सकती है।