नई दिल्ली : जैसे ही सर्दी ने आखिरकार दिल्ली पर अपनी पकड़ ढीली की, शहर में फ्लू के मामलों की लहर देखी जा रही है। अस्पतालों ने इन्फ्लूएंजा बी और एच1एन1 (स्वाइन फ्लू) के कारण होने वाले संक्रमणों में तेज़ वृद्धि देखी है। बच्चों से लेकर बुज़ुर्गों तक कोई भी जनसांख्यिकीय समूह इससे अछूता नहीं रह गया है।
डॉक्टरों का कहना है कि मरीज़ लगातार तेज़ बुखार, गंभीर खांसी और अत्यधिक थकान के साथ आ रहे हैं, जिसके लक्षण हफ़्तों तक बने रहते हैं। कई अन्य लोगों में निमोनिया, ब्रोंकाइटिस और साइनसाइटिस जैसी जटिलताएँ विकसित हो रही हैं और अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आ रही है।
जैसा कि मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में काम करने वाले डॉ. रोमेल टिक्कू बताते हैं, वे इन्फ्लूएंजा ए, बी, एच1एन1, एच3एन2 और यहाँ तक कि आरएसवी सहित कई फ्लू स्ट्रेन का इलाज कर रहे हैं जो एक फेफड़ों का वायरस है। उन्होंने कहा कि बच्चे वायरस से संक्रमित हो रहे हैं और इसे घर पर फैला रहे हैं।
इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के डॉ. सुरनजीत चटर्जी ने बताया कि यहां तक कि युवा वयस्क (35-40 वर्ष) भी शरीर में तेज दर्द, सीने में दर्द और लगातार खांसी की शिकायत कर रहे हैं जिसके कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है।
डॉक्टरों का कहना है कि फ्लू का यह प्रकार सामान्य से कहीं अधिक गंभीर है। यहां तक कि कोविड के बाद की जटिलताओं जैसा भी है। अगर आपको या आपके किसी प्रियजन को ऐसे लक्षण महसूस होते हैं जो लंबे समय तक बने रहते हैं तो उन्हें नज़रअंदाज़ न करें। डॉक्टर से सलाह लें और सावधानी बरतें। सुरक्षित रहें, दिल्ली!