लखनऊ (उत्तर प्रदेश) : नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने उत्तर प्रदेश सरकार पर राज्य के ऐतिहासिक शहरों और स्थानों का नाम बदलने के लिए निशाना साधा है। उन्होंने इसे मुगलों के इतिहास को मिटाने का प्रयास बताया।
“वे (मुगल) सदियों से यहां रहते आए हैं, उन्होंने यहां शासन किया है और उन्हें यहां दफनाया भी गया है। अब्दुल्ला ने चल रहे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हालांकि डिप्टी इस बात पर चर्चा करने से पीछे नहीं हट रहे हैं कि कोई भी इतिहास को मिटा नहीं सकता।”
महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आज़मी की टिप्पणी के बाद यह बहस और बढ़ गई जिन्होंने औरंगज़ेब को “अच्छा प्रशासक” बताया और कहा कि औरंगज़ेब के शासन के दौरान भारत समृद्ध हुआ। उनकी टिप्पणी पर आक्रोश के बाद उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित कर दिया गया।
दूसरी ओर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसा करके पार्टी मानवता का अपमान कर रही है। आज़मी का सीधे तौर पर नाम न लेते हुए उन्होंने उन्हें सपा से बाहर करने की मांग की, यहाँ तक कि उन्होंने कहा, “उन्हें यूपी भेजो; हम जानते हैं कि ऐसे लोगों से कैसे निपटना है।”
योगी ने इतिहास का हवाला देते हुए कहा कि औरंगजेब ने अपने पिता शाहजहां को भी बंदी बना लिया था और उन्हें पानी भी नहीं पीने दिया था। उन्होंने सपा नेताओं से शाहजहां की जीवनी पढ़ने को कहा, जिसमें मुगल बादशाह ने कथित तौर पर औरंगजेब से कहा था: “एक हिंदू तुमसे बेहतर है, क्योंकि वह अपने माता-पिता का सम्मान करता है।”
नाम बदलने को लेकर बहस जारी है जिससे पूरे भारत में राजनीतिक और ऐतिहासिक भावनाएं भड़क रही हैं।