मुंबई (महाराष्ट्र):- अमेज़न वेब सर्विसेज ने हाल ही में अपना पहला क्वांटम चिप ‘ओसेलोट‘ पेश किया जो कैट क्यूबिट और ऑसिलेटर तकनीक पर आधारित है। यह नया डिवाइस एक रिसर्च प्रोटोटाइप है और माइक्रोसॉफ्ट के मेजराना 1 के बाद आया है।
ओसेलोट की विशेषताएं
ओसेलोट एक छोटे स्केल प्रोटोटाइप चिप है जिसे अमेज़न के क्वांटम एरर करेक्शन आर्किटेक्चर की प्रभावशीलता को परखने के लिए डिज़ाइन किया गया है यह दो एकीकृत सिलिकॉन माइक्रोचिप्स से बना है जिनमें से प्रत्येक का क्षेत्रफल लगभग 1 सेमी है। ये चिप्स एक इलेक्ट्रिकली कनेक्टेड चिप स्टैक में एक दूसरे के ऊपर जुड़े हुए हैं।
कैट क्यूबिट्स और क्वांटम एरर करेक्शन
ओसेलोट में कैट क्यूबिट्स का उपयोग किया गया है, जो क्वांटम एरर करेक्शन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं कैट क्यूबिट्स ऑसिलेटर्स का उपयोग करके क्वांटम स्टेट्स को स्टोर करते हैं, जो एक नियमित इलेक्ट्रिकल सिग्नल को उत्पन्न करते हैं। यह तकनीक क्वांटम एरर करेक्शन में बहुत प्रभावी है क्योंकि यह बिट-फ्लिप एरर्स को कम करने में मदद करती है।
माइक्रोसॉफ्ट के मेजराना 1 के साथ तुलना
माइक्रोसॉफ्ट ने हाल ही में अपना पहला क्वांटम चिप मेजराना 1 पेश किया है जो टोपोलॉजिकल क्यूबिट्स पर आधारित है। मेजराना 1 एक नए प्रकार के मटेरियल पर आधारित है, जो मेजराना पार्टिकल्स को नियंत्रित करने में मदद करता है यह तकनीक क्वांटम एरर करेक्शन में बहुत प्रभावी हो सकती है लेकिन इसके अभी भी कई चुनौतियाँ हैं।
एक महत्वपूर्ण कदम है क्वांटम कंप्यूटिंग की दिशा में। यह तकनीक क्वांटम एरर करेक्शन में बहुत प्रभावी हो सकती है, और इसके कई अनुप्रयोग हो सकते हैं। माइक्रोसॉफ्ट के मेजराना 1 के साथ तुलना में ओसेलोट एक अलग दृष्टिकोण अपनाता है लेकिन दोनों ही तकनीकें क्वांटम कंप्यूटिंग की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान कर सकती हैं।