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ट्रंप के एक फैसले ने उड़ाई पाकिस्तान की नींद! रद्द की ये बड़ी डील, अब क्या करेंगे शहबाज

वॉशिंगटन (अमेरिका ): डोनाल्ड ट्रंप अवैध प्रवासियों के खिलाफ लगातार एक्शन ले रहे हैं।  इसी बीच उन्होंने पाकिस्तान को एक बड़ा झटका दिया है  जिससे उन्हें तगड़ा नुकसान हुआ है।

वॉशिंगटन: कंगाल पाकिस्तान को अमेरिका ने बड़ा झटका दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सख्त रुख के बाद न्यूयॉर्क शहर ने पाकिस्तान के स्वामित्व वाले प्रतिष्ठित रूजवेल्ट होटल को एक प्रवासी आश्रय स्थल बनाने के लिए 22 करोड़ डॉलर के सौदे को रद्द कर दिया है। ये फैसला ऐसे समय में हुआ है जब ट्रंप प्रशासन और उनके समर्थकों ने अमेरिका में आप्रवासन को आसान बनाने के लिए अमेरिकी करदाताओं के पैसे के बेजा इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए इसके खिलाफ अभियान चला रखा था।

पाकिस्तान सरकार के  होटल में  चल रहा था  शेल्टर
पाकिस्तान की सरकारी एयरलाइंस पीआईए ने साल 2005 में 3.6 करोड़ डॉलर में इस होटल में सऊदी हिस्सेदारी खरीदी थी। इस तरह होटल में पाकिस्तान सरकार का मालिकाना हक है। न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, प्रवासियों की बढ़ती संख्या ने शहर के अधिकारियों को रूजवेल्ट को शहर के आश्रय स्थल के रूप में उपयोग करने के लिए प्रेरित किया। मई 2023 से फरवरी 2024 के बीच 173,000 लोगों ने होटल में सेवाओं के लिए साइन अप किया।

MAGA समर्थकों का  विरोध और ट्रंप का हमला
2023 में जब हर हफ्ते लगभग 4,000 प्रवासी न्यूयॉर्क पहुंच रहे थे, तब इस होटल के बाहर कैंप लगाए प्रवासियों की तस्वीरों ने MAGA समर्थकों और न्यूयॉर्क के कुछ निवासियों को नाराज कर दिया। ट्रंप और उनके समर्थकों ने डेमोक्रेट सरकार पर “अवैध प्रवासियों को लग्जरी होटल में ठहराने” का आरोप लगाया।

रामास्वामी भी  उठा चुके मुद्दा
ट्रंप समर्थक विवेक रामास्वामी भी इस पाकिस्तानी होटल का मुद्दा उठा चुके हैं। उन्होंने पिछले साल दिसंबर महीने में सोशल मीडिया पर लिखा था। “एक विदेशी सरकार के स्वामित्व वाला होटल अमेरिकी करदाताओं के पैसे से अवैध प्रवासियों को आश्रय दे रहा है। यह पागलपन है!”

ट्रंप ने हाल ही में भारत में मतदाता टर्नआउट प्रोग्राम के लिए 21 मिलियन डॉलर की अमेरिकी सहायता राशि का भी विरोध किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि बाइडेन प्रशासन ने न्यूयॉर्क के एक अज्ञात होटल को प्रवासियों के लिए 59 मिलियन डॉलर का भुगतान किया। एलन मस्क ने दावा किया था कि शहर प्रशासन “कमरों के लिए सामान्य दर से दोगुनी कीमत चुका रहा है”।

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