प्रयागराज (उत्तर प्रदेश):- महाकुंभ 2025 में उद्योगपति मुकेश अंबानी और उनके परिवार की गंगा पूजा और आरती को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। तीर्थ पुरोहितों ने इस परंपरा को तोड़ने का आरोप लगाते हुए नाराजगी जताई है।
बीती 11 फरवरीको मुकेश अंबानी अपनी मां कोकिला बेन, बेटों आकाश और अनंत अंबानी, बहुओं श्लोका और राधिका मर्चेंट समेत परिवार के 11 सदस्यों के साथ संगम में स्नान करने पहुंचे थे। इस दौरान निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि ने मंत्रोच्चार के साथ मां गंगा का दुग्धाभिषेक, पूजा और आरती कराई।
तीर्थ पुरोहितों ने जताई आपत्ति
प्रयागराज के तीर्थ पुरोहितों ने इस पूजा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि संगम पर पूजा कराने का अधिकार सिर्फ तीर्थ पुरोहितों को है। उनका आरोप है कि कैलाशानंद गिरि ने परंपरा तोड़कर दक्षिणा ली जिससे पुरोहित समाज की परंपरा प्रभावित हुई है।
जय त्रिवेणी जय प्रयाग गंगा समिति आरती सेवा के अध्यक्ष प्रदीप पांडेय ने कहा, “प्रयागराज में संगम पर पूजा और आरती कराने का अधिकार सिर्फ तीर्थ पुरोहितों को है। इस तरह की नई परंपरा की शुरुआत नहीं होने दी जाएगी।”
माफी की मांग, विरोध की चेतावनी
तीर्थ पुरोहितों ने कैलाशानंद गिरि से माफी की मांग की है और ऐसा न करने पर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि यह धार्मिक परंपराओं के खिलाफ है और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए।
अब देखना होगा कि इस विवाद पर अखाड़ा परिषद और प्रशासन क्या रुख अपनाते हैं।