नई दिल्ली:- दिल्ली की एक अदालत ने एनडीटीवी ऋण-चुकौती मामले में सीबीआई की समापन रिपोर्ट स्वीकार कर ली है। यह मामला एनडीटीवी के प्रमोटर्स प्रणॉय रॉय और राधिका रॉय के खिलाफ दर्ज किया गया था जिन पर आईसीआईसीआई बैंक से ऋण चुकौती में अनियमितताओं का आरोप था। सीबीआई ने अपनी जांच में पाया कि एनडीटीवी के प्रमोटर्स ने आईसीआईसीआई बैंक से 375 करोड़ रुपये का ऋण लिया था जिसके बदले में उन्होंने अपनी पूरी हिस्सेदारी को गिरवी रखा था।
हालांकि सीबीआई ने पाया कि इस ऋण की चुकौती में कोई अनियमितता नहीं थी और आईसीआईसीआई बैंक ने अपने नियमों के अनुसार ऋण की चुकौती की थी इस मामले में सीबीआई ने लगभग सात साल तक जांच की लेकिन उन्हें कोई ठोस सबूत नहीं मिला जो एनडीटीवी के प्रमोटर्स के खिलाफ आरोपों को साबित कर सके। इसलिए सीबीआई ने अपनी समापन रिपोर्ट में कहा है कि इस मामले में कोई अपराध नहीं हुआ है और एनडीटीवी के प्रमोटर्स के खिलाफ आरोपों को खारिज किया जाना चाहिए।
दिल्ली अदालत के इस फैसले से एनडीटीवी के प्रमोटर्स प्रणॉय रॉय और राधिका रॉय को बड़ी राहत मिली है। उन्होंने हमेशा कहा है कि उन्होंने आईसीआईसीआई बैंक से ऋण लिया था और उसकी चुकौती की थी उन्हें इस मामले में फंसाया गया था। इस मामले में सीबीआई की जांच और दिल्ली अदालत के फैसले से यह साबित होता है कि एनडीटीवी के प्रमोटर्स ने कोई अपराध नहीं किया है और उन्हें इस मामले में फंसाया गया था। यह फैसला एनडीटीवी के प्रमोटर्स के लिए एक बड़ी जीत है और उन्हें अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से मुक्ति मिली है।