महाराष्ट्र (मुंबई):- महाराष्ट्र में मंत्रालयों के बंटवारे के बाद भी राजनीतिक तनाव जारी है। एनसीपी नेता छगन भुजबल के नाराज होने की खबरों ने सियासी गलियारों में चर्चा तेज कर दी है। हाल ही में भुजबल ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की जिससे अटकलों का दौर और बढ़ गया। इस बीच डिप्टी सीएम और एनसीपी चीफ अजीत पवार की प्रतिक्रिया सामने आई है।
अजीत पवार ने कहा कि पार्टी में नए चेहरों को मौका देना जरूरी है। उन्होंने भुजबल का नाम लिए बिना कहा कि बेवजह गलतफहमियां पैदा करना सही नहीं है। पवार ने यह भी संकेत दिया कि वरिष्ठ नेताओं को केंद्र में मौका देने पर विचार हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक छगन भुजबल मंत्रालयों के बंटवारे से असंतुष्ट हैं। उन्हें कैबिनेट में जगह नहीं मिलने के कारण वे नाराज बताए जा रहे हैं। 77 वर्षीय ओबीसी नेता छगन भुजबल का लंबे समय का राजनीतिक अनुभव उन्हें अहम बनाता है।
अजीत पवार के बयान के बाद यह संभावना जताई जा रही है कि छगन भुजबल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में मंत्री पद मिल सकता है। इससे ओबीसी समुदाय के साथ-साथ एनसीपी के भीतर संतुलन बनाने में मदद हो सकती है।
महाराष्ट्र में एनसीपी, बीजेपी, और शिवसेना के गठबंधन के बाद से ही राजनीति में नई धारा देखी जा रही है। छगन भुजबल की नाराजगी और उनके भविष्य को लेकर उठे सवालों का हल केंद्र में मंत्री पद मिलने से हो सकता है। महाराष्ट्र की राजनीति में छगन भुजबल की भूमिका महत्वपूर्ण है। उनके केंद्र में जाने की संभावनाएं एनसीपी और बीजेपी के समीकरणों को नए सिरे से स्थापित कर सकती हैं। अब सभी की नजरें आने वाले दिनों में होने वाले फैसलों पर टिकी हैं।