नई दिल्ली:- ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के मुद्दे पर विपक्षी एकता कमजोर पड़ती नजर आ रही है। जहां कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दल ईवीएम की प्रामाणिकता पर लगातार सवाल उठाते रहे हैं वहीं विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए में शामिल तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने इस विषय पर कांग्रेस के रुख पर आपत्ति जताई है।
टीएमसी के सांसद और राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप बिना सबूतों के लगाए जा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर किसी के पास ईवीएम हैकिंग का सबूत है तो उसे चुनाव आयोग के समक्ष पेश करना चाहिए।
क्या कहा अभिषेक बनर्जी ने?
अभिषेक बनर्जी ने कहा ईवीएम पर आरोप लगाने वाले लोगों को डेमो दिखाना चाहिए। अगर ईवीएम रैंडमाइजेशन प्रक्रिया सही से की गई है और बूथ स्तर पर मॉक पोल और काउंटिंग के दौरान जांच होती है तो हैकिंग के आरोप निराधार साबित होते हैं। उन्होंने इस विषय को केवल राजनीतिक बयानबाजी करार दिया।ईवीएम पर विपक्षी विवाद के बीच भाजपा ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। भाजपा का कहना है कि विपक्षी दल हार के डर से ईवीएम पर सवाल उठा रहे हैं।
क्या है विवाद की जड़?
कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने ईवीएम में गड़बड़ी और संभावित हैकिंग के आरोप लगाए हैं। उनका दावा है कि ईवीएम की प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है। हालांकि टीएमसी ने इस मुद्दे पर कांग्रेस के साथ खड़े होने से इनकार करते हुए विपक्षी एकता पर सवाल खड़े कर दिए।
क्या है चुनाव आयोग की भूमिका?
चुनाव आयोग ने हमेशा ईवीएम की सुरक्षा और पारदर्शिता का दावा किया है। आयोग का कहना है कि ईवीएम के डिजाइन और प्रक्रिया में छेड़छाड़ संभव नहीं है। इसके बावजूद चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को यह साबित करने का अवसर दिया है कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है।
ईवीएम पर विवाद विपक्ष के बीच असहमति का बड़ा कारण बन गया है। कांग्रेस जहां इस मुद्दे को उठाकर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है वहीं टीएमसी जैसे सहयोगी दल इस मुद्दे पर अलग राय रखते हुए कांग्रेस पर सवाल उठा रहे हैं। चुनाव आयोग के प्रति विश्वास और विपक्षी एकता की कमी ने इस विवाद को और गहरा दिया है।