नई दिल्ली:- उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर तीखे हमले किए। संभल हिंसा और प्रदेश में सांप्रदायिक मामलों पर चर्चा करते हुए सीएम योगी ने कहा 2017 के बाद से प्रदेश में सांप्रदायिक घटनाओं में 97% की कमी आई है। उन्होंने विपक्षी समाजवादी पार्टी को घेरते हुए आरोप लगाया कि उनके कार्यकाल (2012-2017) के दौरान सांप्रदायिक दंगों का ग्राफ उच्चतम स्तर पर था।
उन्होंने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) का हवाला देते हुए बताया कि 2012 से 2017 के बीच उत्तर प्रदेश में कुल 815 सांप्रदायिक दंगे हुए जिनमें 112 से अधिक लोगों की जान चली गई। योगी ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर सवाल उठाते हुए कहा क्या आपके पूर्वज भी हिंदू नहीं थे? यह सच को स्वीकारने का समय है। संभल में हाल ही में हुई हिंसा पर बोलते हुए सीएम ने इसे कानून-व्यवस्था को चुनौती बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार इस मामले में सख्त कार्रवाई करेगी और दोषियों को किसी भी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा।
योगी आदित्यनाथ ने खुदाई में मिली प्राचीन मूर्तियों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा राम के बिना कोई काम नहीं। इतिहास गवाह है कि भारत की संस्कृति और सभ्यता का केंद्र सनातन धर्म और राम हैं। उन्होंने विपक्ष पर प्राचीन धरोहरों की उपेक्षा का आरोप लगाया।
शीतकालीन सत्र की शुरुआत में समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने हंगामा किया, लेकिन कुछ देर बाद सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से शुरू हुई। योगी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा जनता सब देख रही है। हम अपने विकास कार्यों और सांप्रदायिक सौहार्द को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी सरकार अपराध और सांप्रदायिकता को खत्म करने के लिए सख्त कदम उठा रही है। उन्होंने विपक्ष से सकारात्मक राजनीति करने और विकास में सहयोग देने की अपील की।