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बैंकिंग कानून में महत्वपूर्ण बदलाव, अब एक से अधिक नॉमिनी जोड़ने की सुविधा

नई दिल्ली:- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 को पारित करने की जानकारी दी। इस विधेयक के तहत बैंकों से जुड़े कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं जिनका सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा। अब बैंक खातों और सावधि जमा खातों में अधिकतम चार नॉमिनी जोड़ने की अनुमति होगी। इससे खाताधारकों के लिए अपनी संपत्ति के वितरण में आसानी होगी खासकर उनकी मृत्यु के बाद। यह बदलाव कोविड महामारी के दौरान उत्पन्न हुई समस्याओं को ध्यान में रखते हुए किया गया है।

विधेयक के मुताबिक बैंकों को पेशेवर तरीके से चलाने के लिए अब उन्हें अधिक स्वतंत्रता मिलेगी। वे बाजार में जा सकते हैं बॉन्ड और ऋण जुटा सकते हैं और अपने व्यवसाय को उचित तरीके से चला सकते हैं। इस संशोधन से बैंकों को वैधानिक लेखा परीक्षकों के पारिश्रमिक को तय करने में अधिक स्वतंत्रता मिलेगी। इसके अलावा बैंकों के लिए नियामकीय रिपोर्टिंग की समयसीमा भी बदली गई है। पहले यह समयसीमा हर महीने के दूसरे और चौथे शुक्रवार को थी अब यह हर महीने की 15वीं और आखिरी तारीख को होगी।

वित्त मंत्री सीतारमण ने इस विधेयक के पारित होने के बाद कहा कि बैंकों को न केवल पूंजी जुटाने में सुविधा मिलेगी बल्कि बैंकिंग सेवाओं से जुड़ी मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटियों और बैंक ऑडिटिंग से जुड़े पांच मौजूदा कानूनों में कुल 19 संशोधन भी प्रस्तावित किए गए हैं। इसके अलावा बैंक निदेशक पद के लिए “भुगतेय राशि” की सीमा को भी संशोधित किया गया है। पहले यह सीमा 5 लाख रुपये थी जिसे अब बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये कर दिया गया है जो कि लगभग छह दशकों से अपरिवर्तित था।

यह बदलाव बैंक प्रशासन में सुधार और निवेशकों की सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से किए गए हैं। विधेयक में भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934, बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949, भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम 1955, और बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम, 1970 एवं 1980 में संशोधन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है। नये नियमों से बैंकों के संचालन में पारदर्शिता आएगी और जमाकर्ताओं के लिए संपत्ति वितरण प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा।

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